Mahakumbh Viral Mtech Baba: एमटेक बाबा का असली नाम दिगंबर कृष्ण गिरि है। 2019 में वह नागा साधु बने। वह एक निजी कंपनी में जनरल मैनेजर हुआ करते थे। सालाना चालीस लाख रुपये उनकी सैलरी थी। एक दिन उनका मोह भंग हुआ और 2010 में संन्यास ले लिया।
Mahakumbh Viral Mtech Baba
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ शुरू हुआ है। इसके शुरू होते ही न जाने कितने साधु और साध्वी वायरल होने लगे। पहले साध्वी हर्षा रिछारिया फिर IIT बाबा अभय सिंह और अब एक और Mtech बाबा वायरल हो रहे हैं। इनका नाम दिगंबर कृष्ण गिरि है। दरअसल, वह एक निजी कंपनी में जनरल मैनेजर हुआ करते थे। सालाना चालीस लाख रुपये उनकी सैलरी थी। 400 कर्मचारी उनके अधीन काम किया करते थे। उन्होंने कर्नाटक यूनिवर्सिटी से एमटेक की पढ़ाई की। इसके बाद कई नामी कंपनियों में काम किया। आखिरी नौकरी उन्होंने दिल्ली में की थी जहां वह एक निजी कंपनी में जनरल मैनेजर पद पर थे।एक न्यूज एजेंसी को एमटेक बाबा ने अपने जीवन से जुड़ी कई बातें बताईं, जो कि वाकई हैरान कर देने वाली हैं. MTech बाबा ने बताया कि 2010 में उन्होंने संन्यास लिया। 2019 में वो नागा साधु बने। हरिद्वार में 10 दिन तक भीख मांगी।
तेलुगू ब्राह्मण परिवार में जन्म
एमटेक बाबा उर्फ दिगंबर कृष्ण गिरी के जीवन पर गौर करें तो उनका जन्म दक्षिण भारत में तेलुगू ब्राह्मण परिवार में हुआ। उन्होंने कर्नाटक यूनिवर्सिटी से एमटेक की पढ़ाई की। इसके बाद कई नामी कंपनियों में काम किया। आखिरी नौकरी उन्होंने दिल्ली में की थी जहां वह एक निजी कंपनी में एक अच्छे पद पर थे। उनके अंदर करीब 400 से अधिक लोग काम करते थे.
कई दिनों तक भीख मांगी
दिगंबर कृष्ण गिरि ने बताया कि सभी अखाड़ों को मेल करके मैंने उनसे जुड़ने की इच्छा जताई थी। लेकिन किसी की ओर से कोई जवाब नहीं आया। हरिद्वार गया तो वहां पर मेरा पास जो कुछ भी था उसे हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित कर दिया। साधु का वेश धारण कर दस दिनों तक भीख मांगी। मेरा मानना था कि ज्यादा पैसा होने से आदतें खराब हो जाती हैं और दिमाग को शांति नहीं मिल पाती।
किस अखाड़े से ली दीक्षा
उन्होंने बताया- निरंजनी अखाड़ा को लेकर मैंने गूगल किया था। निरंजनी अखाड़ा जाकर मैंने महंत श्री राम रतन गिरी महाराज से दीक्षा दी। साल 2019 में आग लगने के कारण से 2021 में मैंने अल्मोड़ा छोड़ दिया। अभी उत्तरकाशी के एक छोटे से गांव में रहता हूं।
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