मणिपुर हिंसा मामले में वायरल वीडियो की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुप्पी तोड़ी है प्रधानमंत्री ने संसद सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि घटना से दुखी हूं। और इस मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब लोकतंत्र के मंदिर के पास खड़ा हो तब मेरा क्रोध तब मेरा मन क्रोध और पीड़ा से भरा हुआ है किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार कर देने वाली घटना है।
पाप करने वाले गुनाह करने वाले कितने हैं? कौन है? वह अपनी जगह पर है ? लेकिन बेज्जती पूरे देश की हो रही है 140 करोड़ देशवासियों को इस घटना ने शर्मसार किया है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सभी मुख्यमंत्रियों से अपील है कि वह अपने राज्य में कानून व्यवस्था को बेहतर करें।घटना चाहे राजस्थान की हो, छत्तीसगढ़ की हो या फिर मणिपुर की कानून व्यवस्था कायम रहे। जहां पर नारी का सम्मान किया जाए किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा ।
मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है उसको माफ नहीं किया जा सकता। सावन का पवित्र मास चल रहा है इस बार तो डबल सावन है.. इसलिए सावन की अवधि भी थोड़ी ज्यादा है। सावन मास पवित्र कार्यों के लिए अति उत्तम माना जाता है आज जब लोकतंत्र के मंदिर में सामान के पवित्र मास में मिल रहे हैं लोकतंत्र का मंदिर ऐसे पवित्र कार्य के लिए इससे बढ़िया आवश्यक नहीं हो सकता।
यही नहीं प्रधानमंत्री ने कहा विश्वास है कि सभी सांसद मिलकर इस तत्व का जनहित में सर्वाधिक उपयोग करेंगे। संसद की जो जिम्मेदारी है संसद में हर सांसद को जिम्मेवारी है ।
ऐसे में अनेक कानूनों को बनाना है उस पर विस्तार से चर्चा करना बहुत जरूरी है चर्चा जितनी ज्यादा चर्चा होती है उतना जनहित में दूरगामी परिणाम देने वाले अच्छे निर्णय लिए जाते हैं।
देश की संसद में जो सांसद आते हैं वह धरती से जुड़े हुए होते हैं जनता के दुख हर दर्द को समझने वाले होते हैं चर्चा होती है तो उनकी ओर से जड़ों से जुड़े विचार आते हैं चर्चा समृद्ध होती है तो निर्णय भी परिणाम कारी होते हैं।
यह सत्र महत्वपूर्ण है इस सत्र में जो बिल लाए जा रहे हैं वे सीधे सीधे जनता के हितों से जुड़े हैं युवा पीढ़ी डिजिटल वर्ल्ड का नेतृत्व कर रही है उस समय डाटा प्रोटक्शन बिल देश के हर नागरिक को एक नया विश्वास देने वाला बिल है।
पीएण ने कहा कि विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला भी है नेशनल रिसर्च फाउंडेशन शिक्षा नई शिक्षा नीति के संदर्भ में एक नया कदम है सदन में गंभीरता से इन दिनों पर चर्चा करेंगे और राष्ट्रहित के कार्यों को आगे बढ़ाएं।