प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मध्य प्रदेश की बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं ।इस बीच चर्चा तेज है कि मंत्रिपरिषद में बड़ा फेरबदल हो सकता है ।
चुनावी राज्यों के कुछ नेताओं को एंट्री मिल सकती है और कुछ लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है कि नहीं धर्मेंद्र प्रधान और पीयूष गोयल जैसे सीनियर मंत्रियों को संगठन में अहम भूमिका दी जा सकती है इसके अलावा लोकसभा चुनाव में भी समय दे सके ।
इससे पहले 2021 में कैबिनेट में फेरबदल हुआ था ..तब 43 मंत्रियों ने शपथ ली थी। इस दौरान रविशंकर, प्रकाश जावड़ेकर और हर्षवर्धन जैसे नेताओं को कैबिनेट से बाहर कर दिया गया था जबकि अनुराग ठाकुर के और पुरुषोत्तम रुपाला को प्रमोट किया गया थ।
चर्चा में है कि मध्य प्रदेश राजस्थान महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों को प्राथमिकता मिल सकती है ।इसके अलावा उत्तर प्रदेश बंगाल और बिहार जैसे राज्यों से कुछ मंत्री कम किए जा सकते हैं ।गुजरात के कुछ मंत्री कम हो सकते हैं दरअसल भाजपा को लगता है कि महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे अजित पवार गुट को साधे रखना जरूरी है इसलिए इन्हें कैबिनेट में कुछ स्पेस दिया जा सकता है एकनाथ शिंदे गुड से एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्य मंत्री बनाया जा सकता है ।
जानकारी के मुताबिक एकनाथ शिंदे अपने लिए तीन मंत्री पद चाहते है जबकि भाजपा दो पर राजी है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन रात को करीब तकरीबन 6 घंटे तक बैठक की थी। इस मीटिंग में बदलाव को लेकर चर्चा हुई तब से ही चर्चाएं तेज है कि किन नेताओं को मंत्रिपरिषद से हटाया जा सकता है और किन जगह मिल सकती है । गुजरात से फिलहाल मनसुख भाई मंडाविया, पुरुषोत्तम रुपाला ,दर्शना जरदोष , देबू सिंह चौहान और महेंद्र भाई मुजापरा मंत्री है।
ऐसा कहा जा रहा है कि दर्शना जरदोष पुरुषोत्तम रुपाला और मनसुख मंडाविया पर तलवार लटक रही है। 9 सालों में मोदी सरकार में 3 स्वास्थ्य मंत्री बन चुके हैं।
चर्चा है कि पीयूष गोयल को राजस्थान का प्रभारी बनाया जा सकता है जहां वह विधानसभा चुनाव पर फोकस करेंगे और फिर लोकसभा में भी राज्य में पार्टी को मजबूत करेंगे ।
इसके अलावा धर्मेंद्र प्रधान को यूपी का इंचार्ज बनाया जा सकता है जो 80 लोकसभा सीटों के साथ 2024 के लिए हम राज्य हैं ।फिलहाल उत्तर प्रदेश बिहार को मिलाकर कुल 20 मंत्री हैं इनमें से कुछ हटाए जा सकते हैं बिहार से अश्वनी चौबे पशुपति पारस और आरके सिंह का पद खतरे में दिख रहा है।
बात करते हैं उत्तर प्रदेश की तो केंद्रीय मंत्री महेश नाथ पांडे, अजय मिश्रा ट्रनी को हटाया जा सकता है दोनों को यदि हटाया गया तो एक बार फिर से ब्राह्मणों को ही जगह मिलेगी। ऐसे में इनकी जगह पर लंबे समय से अहम पद का इंतजार कर रहे डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेई सांसद हरीश द्विवेदी और सुब्रत पाठक को मौका मिल सकता है ।
वही बिहार से चिराग पासवान को भी जगह मिल सकती है भाजपा खेमे से संजय जयसवाल अजय निषाद और रामकृपाल यादव को भी एंट्री मिलने के कयास।
ऐसे में सबकी निगाहें मोदी मंत्रिमंडल की बैठक पर लगी हुई है अब देखना यही होगा कि मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद क्या कुछ होता है।