Neeraj Chopra: ने एक बार फिर रचा इतिहास

Neeraj Chopra: नीरज चोपड़ा के ताज में एक और हीरा जढ़ गया है। कभी 40 मीटर तक भाला फेंकने वाले नीरज ने 8 8.117 मीटर की दूरी नाप कर दुनिया फतह कर ली।

नीरज के तक में ओलंपिक चैंपियन के बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप का हीरा भी झड़ गया। उन्होंने क्वालीफाइंग राउंड में सबसे ज्यादा 88.77 मी का थ्रो करके फाइनल में एंट्री की थी और फाइनल में भी उन्होंने झंडा गाढ़ दिए ।

कभी 40 मी फेंक कर जैवलिन की दुनिया में कदम रखने वाले नीरज ने 88.17 मी फेंक कर दुनिया को अपना दम दिखा दिया।

नीरज ने अपने जैवलिन करियर का पहला मेडल जिला चैंपियनशिप में ब्रांच के रूप में जीता था।

2012 में उन्होंने नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 68.40 मी थ्रू करते हुए नया नेशनल रिकॉर्ड बनाया और गोल्ड जीता ।

2013 में यूक्रेन में वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में हिस्सा लिया जो उनका पहला इंटरनेशनल टूर्नामेंट था

2014 में उन्होंने अपना पहला इंटरनेशनल मेडल जीता है बैंकॉक में यूथ ओलंपिक में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था ।

2015 में नीरज चोपड़ा जूनियर क्रांतिकारी का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स मीट में 81.4 मीटर थ्रो किया ।

2015 में नेशनल गेम्स में पांचवें स्थान पर रहे और इसके बाद उन्हें नेशनल लेवल के ट्रेनिंग कैंप के लिए बुलाया गया जो उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ ।।

2016 में साउथ एशियन गेम्स में 82.23 मीटर थ्रू के साथ गोल्ड जीता मगर वह ओलंपिक क्वालीफिकेशन मार्क 83 एम से चूक गए ।

2016 में उन्होंने अंदर 20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में 86.48 मीटर थ्रू करके जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ किताब जीता वह वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले पहले भारतीय बने थे ।

जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के बावजूद वह 2016 रियो ओलंपिक का टिकट हासिल नहीं कर पाए थे क्योंकि उनके चैंपियन बनने स पहले ही ओलंपिक क्वालीफिकेशन के कट ऑफ डेट निकल गई थी।

2017 में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 85.23 मीटर के साथ गोल्ड जीता ।

2017 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में वह फाइनल नहीं पहुंच पाए 24 अगस्त को ज्यूरिक डायमंड लीग के फाइनल्स में वह चोटिल हो गए थे जिस वजह से 2017 से बचे हुए टूर्नामेंट से बाहर हो गए ।

चोट से वापसी करते हुए 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में 86.47 मीटर थ्रू के साथ गोल्ड जीता 2018 एशियन गेम्स में 88.06 मीटर थ्रू के साथ गोल्ड जीता। एशियन गेम्स में जैवलिन में नीरज ने भारत को इतिहास को पहला गोल्ड दिलाया था ।

2019 में वह कुहनी की चोट की वजह से वर्ल्ड चैंपियनशिप नहीं खेल पाए थे 2019 में मुंबई में उनकी सर्जरी हुई थी नवंबर 2019 में वह जर्मन कोच से ट्रेनिंग लेने के लिए साउथ अफ्रीका चले गए थे

16 महीने की कड़ी मशक्कत के बाद 2020 में उन्होंने इंटरनेशनल कंपटीशन में वापसी की और एथलेटिक्स सेंट्रल नॉर्थवेस्ट लीग मीटिंग में 87.86 मीटर का थ्रू जीत हासिल की साथी टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया।

ट्रेनिंग के लिए तुर्की गए नीरज की कोरोना की वजह से मार्च 2020 में वापस लौटना पड़ा। महामारी की वजह से ट्रेनिंग के लिए उनका स्वीडन का विजा एप्लीकेशन भी रिजेक्ट हो गया था काफी कोशिश के बाद वह यूरोप के लिए उड़ान भर पाए इसके बाद उन्होंने यूरोप में कई टूर्नामेंट जीते।

4 अगस्त 2021 को नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक में डेब्यू किया अपने क्वालीफाइंग ग्रुप में टॉप रहे 7 अगस्त को उन्होंने 87.58 मीटर के थ्रू के साथ ओलंपिक गोल्ड में जीत का इतिहास रचा ।एथलेटिक्स में भारत का पहला गोल्ड दिलाया इस गोल्ड के बाद वह दुनिया के दूसरे नंबर के जैवलिन थ्रोअर बने।

जून 2022 में स्टॉकहोम डायमंड लीग में उन्होंने 89.94 मी का थ्रो किया जो उनके करियर का बेस्ट था।

जुलाई 2022 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में 88.13 मीटर थ्रू के साथ सिल्वर मेडल जीता ।

8 सितंबर 2022 को डायमंड दिल्ली का किताब जीता और इस उपलब्धि को हासिल करने वाले पहले भारतीय बने ।इसी के साथ वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 के लिए भी क्वालीफाई किया

मई 2023 को नीरज दोहा डायमंड लीग में 88.67 मीटर थ्रू के साथ टॉप पर है मैं में ही वह वर्ल्ड एथलेटिक्स की रैंकिंग में दुनिया के नंबर एक जैवलिन खिलाड़ी बने ।

अब 88.17 मी थ्रू करके वह बुडापेस्ट में वर्ल्ड चैंपियन बन गए उन्होंने पहली बार वर्ल्ड चैंपियन में गोल्ड मेडल जीता है।