Opposition Leaders: देश के ये नेता है केन्द्रीय जांच एजेंसी के रडार पर,151 सीटों पर पडे़गा असर?

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Opposition Leaders: चुनाव से पहले अगर किसी बड़े विपक्षी नेता के गिरफ्तारी हो जाए तो कितनी सीटों पर असर होगा ।यह बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे राजनीतिक स्थिति में बदलाव आ सकता है।

Opposition Leaders:

Opposition Leaders:जब किसी नेता को गिरफ्तार किया जाता है तो उसके खिलाफ चुनावी प्रचार में बदलाव आता है और उसकी पार्टी को इससे काफी नुकसान हो सकता है। पांच राज्यों के बड़े विपक्षी नेताओं पर ईद का शिकंजा कसा हुआ है ।अगर किसी विपक्षी नेता की गिरफ्तारी होती है तो इसका लोकसभा की 151 सीटों पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है इनमें दिल्ली के साथ झारखंड की 14 पश्चिम बंगाल की 42 महाराष्ट्र की 48 और बिहार की 40 सीटें शामिल है।

अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन दोनों ही नेता अपनी गिरफ्तारी का दावा कर रहे हैं। केंद्रीय एजेंसी यानी की कथित शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अब तक तीन बार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में हेमंत सोरेन को 7 बार संबंध भेज चुकी है ।मगर दोनों ही मुख्यमंत्री अभी तक ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं। दोनों ही नेता समन को राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं। और केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव की तैयारी से पहले गिरफ्तार करने की साजिश की जा रही है ताकि मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार ना कर सके।

अरविंद केजरीवाल,मुख्यमंत्री,दिल्ली

अरविंद केजरीवाल ने ईडी के सामने अरविंद केजरीवाल ने ईडी के समन को गैर कानूनी बताते हुए एजेंसी की मंशा पर सवाल खड़ा किया । समन पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में राज्यसभा चुनाव है पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते वह व्यस्त है और मुख्यमंत्री होने के नाते 26 जनवरी की तैयारी में लगे हैं लेकिन अगर जांच एजेंसी सवालों की कोई सूची भेजना चाहे तो भेज सकती है।

अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के संयोजक और स्टार प्रचारक हैं दिल्ली और पंजाब में उनकी पार्टी की सरकार है कुछ महीने बाद देश में लोकसभा चुनाव होना है दिल्ली में लोकसभा के साथ 7 सीटे हैं मगर अभी सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। अरविंद केजरीवाल पूरी कोशिश में है कि इस बार लोकसभा में अच्छा प्रदर्शन कर सके भाजपा के तमाम नेता अरविंद केजरीवाल को कट्टर बेईमान बता रहे हैं । इसका असर लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है। आम आदमी पार्टी का अभी इंडिया गठबंधन के साथ सीट शेयरिंग पर बात फाइनल नहीं हुई है।

ऐसे में पार्टी को मोलभाव करने में दिक्कत हो सकती है दूसरी ओर दिल्ली शराब घोटाला मामले में पार्टी के दो बड़े नेता यानी कि मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले से ही जेल में है।

हेमंत सोरेन,मुख्यमंत्री , झारखंड

अब बात करते हैं दूसरे मुख्यमंत्री यानी कि हेमंत सोरेन की कथित अवैध खनन और मनी लेंडिंग से जुड़े मामले में ईडी हेमंत सोरेन के करीबियों के ठिकाने पर लगातार छापेमारी कर रही है। इस कारण झारखंड की सियासत में इस वक्त काफी उठा पटक चल रही है राज्य की 81 विधानसभा सीटों पर इसी साल के अंत में चुनाव होने हैं लोकसभा की 14 सीटे हैं इनमें 11 सीटों पर अभी भी भाजपा का कब्जा है ।

अगर हेमन्त सोरेन की गिरफ्तारी होती है तो लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है इससे पहले इससे सबसे ज्यादा फायदा भारतीय जनता पार्टी को होगा बीजेपी पर लगातार वंशवाद को बढ़ावा देने और भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है दूसरी ओर अभी इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर स्थिति साफ नहीं है।

2014 से मार्च 2023 तक नेताओं के खिलाफ ईडी का एक्शन पहले 4 गुना बढ़ गया है। इन 9 सालों में 121 प्रमुख राजनेता जांच के इन 9 साल में 121 प्रमुख राजनेता जांच के दायरे में आए इनमें 95 फीसदी यानी के 115 नेता विपक्षी दल के हैं। जबकि 2004 से 2014 तक कुल 26 नेता जांच के दायरे में आए जिनमें 54 फीसदी यानी की 14 विपक्ष के थे। प्रमुख विपक्षी नेता जिन पर पिछले 9 सालों में ईडी का शिकंजा कसा है उनमें राहुल गांधी सोनिया गांधी, माल्लिकार्जुन खडगे, तेजस्वी यादव, संजय राउत ,अभिषेक बनर्जी, जयंत पाटील ,राघव चड्ढा ,पी चिदंबरम और डीके शिवाकुमार शामिल है।

साल 1938 में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और दूसरे कांग्रेसी नेताओं ने मिलकर एसोसिएट जनरल्स लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई थी। यह कंपनी नेशनल हेराल्ड नाम से एक अखबार छापती थी इसलिए सरकार की ओर से बड़े शहरों में सस्ते दाम पर जमीन मिली थी । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खंडगे पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी राहुल गांधी और अन्य कांग्रेसी नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने यह सरकारी जमीन अपने नाम करने के लिए यंग इंडिया लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई साल 2011 में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कंपनी यंग इंडिया लिमिटेड ने केवल 50 लख रुपए चुका कर एसोसिएट जनरल्स लिमिटेड को टेकओवर कर लिया । वह इस तरह से 2000 करोड़ की संपत्ति के मालिक बन गए।

भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सबसे पहले धन शोधन का यह मामला उठाया था साल 2013 में स्वामी ने गांधी परिवार के खिलाफ कोर्ट में धोखाधड़ी और धन के दुरुपयोग की शिकायत दर्ज करवाई इसके बाद से ईडी मामले की जांच कर रही है। मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी पूछताछ हो चुकी है। मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी पूछताछ हो चुकी है। इसके अलावा कांग्रेस के करीब 20 नेता जांच एजेंसी के घेरे में है । चुनाव से पहले अगर राहुल गांधी पर ईडी का शिकंजा कसती है तो कांग्रेस पार्टी पर बहुत बुरा असर पड़ेगा क्योंकि राहुल गांधी ही पार्टी का मुख्य चेहरा है। मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी के अध्यक्ष।

कांग्रेस अभी तीन राज्यों यानी कि कर्नाटक तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश प्रशासन कर रही है लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस 206 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी जबकि 52 सीटों पर पार्टी ने जीत हासिल की थी। कांग्रेस के किसी भी नेता की गिरफ्तारी पर 206 सीटों पर पार्टी को इस बार भी चुनाव में नुकसान झेलना पड़ सकता है।

बिहार लालू परिवार

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव,राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और पूर्व सीएम राबड़ी देवी पर जमीन के बदले नौकरी देने का आरोप है। जांच एजेंसी का आरोप है कि यूपीए सरकार के दौरान साल 2004 से 2009 तक रेल मंत्री के रूप में रहे लालू यादव के कार्यकाल के दौरान नियम कानून का उल्लंघन करते हुए और बिना किसी पब्लिक सूचना के अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को नौकरी दी गई रेलवे में नौकरी पाने के लिए उम्मीदवारों ने यादव परिवार के कुछ सदस्यों को काफी कम कीमत पर जमीन बेची इस कथित भूमि घोटाला मामले में नई चार्जशीट दाखिल होने के बाद 4 अक्टूबर 2023 को कोर्ट ने तेजस्वी यादव लालू यादव और राबड़ी देवी को इसके अलावा अन्य को जमानत दे दी।

ईडी ने तीनों नेताओं को कई बार समन भेज कर पूछताछ के लिए बुला चुकी है। तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा में विपक्ष के मुख्य नेता और देश के सबसे युवा विपक्षी नेता है।मात्र 26 साल की उम्र में उन्हें बिहार का उपमुख्यमंत्री बनने का मौका मिला

हालांकि इस वक्त बिहार की सियासत में जबरदस्त हलचल है। बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि लालू यादव 14 जनवरी से पहले तेजस्वी यादव को राज्य का मुख्यमंत्री बनवा देंगे नीतीश कुमार को यह समझने की कोशिश की जा रही है कि वह मुख्यमंत्री बहुत रह लिए अब उन्हें प्रधानमंत्री होना चाहिए।

बिहार में लोकसभा के 40 सीटे हैं। फिलहाल अभी राजद के पास एक भी सीट नहीं है पिछले चुनाव में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी के साथ थे तो गठबंधन ने 40 में से 39 सीटे जीती थी। एक सीट कांग्रेस को मिली थी। इंडिया गठबंधन में शामिल राजद इस बार 8 से 10 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। लेकिन अगर ईडी का शिकंजा कसता है तो इन सीटों पर पार्टी को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।

संजय राउत,राज्यसभा सांसद, शिवसेना (UTB)

अब बात करते हैं महाराष्ट्र की सांसद संजय राउत को अगस्त 2022 में पात्रा चाॅल जमीन घोटाले में मनी लेंडिंग से जुड़े मामले में 9 घंटे तक पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। फिलहाल वह जमानत पर है। चाॅल जमीन घोटाला मामले में करीब 1034 करोड रुपए की धोखाधड़ी हुई है।

महाराष्ट्र आवास विकास प्राधिकरण ने साल 2007 में संजय रावत के रिश्तेदार प्रवीन राउत की गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी को गोरेगांव के सिद्धार्थनगर में मौजूद पत्र चाॅल की री डेवलपमेंट का काम दिया था यह 47 एकड की जमीन पर पहले ही 672 घर बने थे कंपनी को 3500 से ज्यादा फ्लैट बन कर देने थे फ्लैट्स बनाने के बाद बची हुई जमीन को प्राइवेट डेवलपर को बेचा जाना था ।

शिवसेना नेता संजय राउत राज्यसभा से सांसद हैं उन्हें उद्धव ठाकरे का बेहद करीबी माना जाता है शिवसेना संजय रावत को आगामी लोकसभा चुनाव में भी उतार सकती है. वह मुंबई की नॉर्थ ईस्ट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। उद्धव ठाकरे की पार्टी ने जून 2022 में बड़ी बगावत हुई थी उनकी पार्टी के कई विधायक और सांसद एकनाथ शिंदे के गुण पर शामिल हो गए थे उसे सबसे मुश्किल वक्त में संजय रावत उद्धव ठाकरे के साथ खड़े रहे थे महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल 48 सिम हैं इनमें से सबसे ज्यादा 23 सीटे बीजेपी के पास है। 18 शिवसेना ने जीती थी।

शिवसेना यूटीबी इंडिया गठबंधन में शामिल है गठबंधन में सीटों का बंटवारा होने के बाद शिवसेना यूटीबी भी आगामी लोकसभा के 20 /25 सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है ।

पी. चिदंबरम , कार्ति चिदंबरम

अब बात करते हैं दक्षिण भारत की पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम तमिलनाडु की शिवमोंगा 1999 को छोड़कर 1984 से 2009 तक पी चिदंबरम कब्जा जमा कर बैठे थे। कांति साल 2012 में तब चर्चा में आए जब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने उन पर एयरसेल मैक्सिस डील में फायदा उठाने का आरोप लगाया ।

कांति चिदंबरम पर आरोप है उन्होंने पंजाब में एक बिजली परियोजना पर काम करने के लिए 263 चीनी नागरिकों को वीजा दिलाया ।इसके लिए 50 लाख रुपए से लिए गए। इस मामले में सीबीआई भी पहले कार्रवाई कर चुकी है।इस मामले में शिकंजा कसना शुरू कर दिया है यह बात 2011 की है जब वेदांता ग्रुप की कंपनी पंजाब में चीनी कंपनी की मदद से 1980 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट लगा रही थी प्रोजेक्ट पहले ही काफी लेट था प्लांट समय पर चालू करने के लिए एक्सपोर्ट की जरूरत थी आरोप है कि इसके लिए कंपनी के एक अधिकारी ने कांति के करीबी से संपर्क किया इसके बाद कंपनी ने गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखा और एक महीने के भीतर कुल 263 प्रोजेक्ट वीजा जारी कर दिए गए। इस काम में नियमों की अनदेखी हुई आरोपी यह भी है किस काम के लिए 50 लाख रुपए रिश्वत मांगी गई जिस कंपनी ने एक फर्जी बिल के जरिए चेन्नई भेजा ।

अभिषेक बनर्जी

अब बात करते हैं पश्चिम बंगाल की पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी ईडी के रडार पर हैं। पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुचिरा से ईडी कई बार पूछताछ कर चुकी है । केंद्रीय एजेंसी का दावा है कि जब लिप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कोलकाता दफ्तर पर छापेमारी की गई तो वहां से संदिग्ध लेनदेन वाले दस्तावेज हाथ लगे अभिषेक बनर्जी इस कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर रह चुके हैं इस कंपनी के ऑपरेटिव ऑफिसर सुजय कृष्ण भद्र को एजेंसी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। मामले में अब तक 126 करोड़ से ज्यादा रुपए की संपत्ति जप्त की जा चुकी है।

केंद्रीय एजेंसी का मानना है कि शिक्षक घोटाले से अर्जित किया गया अच्छा खासा पैसा अपनी कंपनी में निवेश किया गया ईडी के पास इसके तमाम दस्तावेज सबूत मौजूद है । हालांकि अभिषेक बनर्जी ने इन तमाम आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है।

दूसरे नंबर पर अभिषेक बनर्जी आते हैं पार्टी और बंगाल में उनका अच्छा खासा रुतबा है आने वाले समय में अभिषेक पार्टी में ममता बनर्जी की जगह ले सकते हैं पार्टी की लोकसभा सीटों पर भी अच्छी पकड़ है राज्य की 48 में से 22 सीटों पर टीएमसी का राज है।

ऐसे में चुनाव से पहले अभिषेक बनर्जी क ऐसे में यह सभी विपक्षी नेता केंद्र सरकार पर जांच एजेंसी के दुरुपयोग का आरोप लगाते रहे हैं राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं ।खुद पर लगे सभी आरोपी को झूठा बता रहे हैं विपक्ष का कहना है कि यह बदले की करवाई है और यह सिर्फ विपक्षी नेताओं पर होती है। बीजेपी के किसी नेता पर कुछ एक्शन नहीं लिया जाता । चुनाव से पहले सिर्फ विपक्ष को बदनाम करने के लिए जांच एजेंसी एक्टिव हो जाती है। वहीं भाजपा नेता कहते हैं की एजेंसी अपना काम कर रही है इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अक्सर अपने भाषणों में विपक्ष खास तौर पर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साधते रहते है । पीएम ने एक भाषण में कहा था कि वह ना खाएंगे और ना खाने देंगे।

प्रवर्तन निदेशालय पर विपक्ष पक्षपात करने का आरोप लगता है कुछ विपक्षी नेताओं ने इस केंद्रीय एजेंसी को बीजेपी की कठपुतली भी कहा है ।

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