Pakadwa Vivah: बिहार के लखीसराय में हुए पकड़ा हुआ विवाह के मामले में अब महत्वपूर्ण मोड़ सामने आ गया है। सेना के जवान पकडौआ विवाह को अवैध बताने वाले हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
Pakadwa Vivah
Pakadwa Vivah: आपको बता दें कि 10 साल पहले नवादा के लड़के की लखीसराय ले जाकर जबरन शादी करवाई गई थी इस मामले में पटना हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। पटना हाई कोर्ट ने लड़के के पक्ष में फैसला दिया था और उसके पकडौआ विवाह को अमन ने करार दे दिया था लिए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
जानकारी के मुताबिक 30 जून 2013 को नवादा के एक लड़के को किडनैप किया गया था उसे लखीसराय के एक मंदिर में ले जाया गया जहां उसके साथ जबरदस्ती शादी करवा दी गई हालांकि शादी को लड़के ने करने से इनकार कर दिया और फैमिली कोर्ट में इसके खिलाफ अपील दाखिल कर दी फैमिली कोर्ट में उसने जबरन शादी को रद्द करने की अपील की थी हालाकि की 2017 में फैमिली कोर्ट ने लड़के के पक्ष में फैसला नहीं दिया था।
उसके बाद वह फैमिली कोर्ट के फैसले के खिलाफ पटना हाई कोर्ट पहुंचा निदे को चुनौती थी उसे शख्स ने यह आरोप लगाया कि उसके जबरदस्ती शादी करवाई गई शादी में रीति रिवाज का पालन नहीं हुआ बंदूक के जोर पर उसकी शादी करवाई गई फिर 2020 में हाई कोर्ट में फैमिली कोर्ट के फैसले को पलट दिया और जबरन शादी को अवैध करार दे दिया।
क्या होता है पकडौआ विवाह
पटना हाई कोर्ट के फैसले के बाद के मामला सर्वोच्च न्यायालय में आया जहां पटना हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी गई है। आपको बता दे पड़ा हुआ विवाह बिहार के कुछ जिलों की कुप्रथा है। परडौआ विवाह में लड़के की जबरन शादी कर दी जाती है इसमें लड़की के घर वाले लड़के को किडनैप कर लेते हैं और फिर जबरदस्ती उसकी शादी करवा देते हैं अगवा करने के बाद अगर कोई चुपचाप मान जाए तो ठीक वरना दूल्हे के साथ मारपीट के भी कई मामले सामने आ चुके हैं।
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