संसद के शीतकालीन सत्र के लिए सरकार और विपक्ष ने अपनी अपनी रणनीति तैयार कर ली है ।भले ही सरकार ने तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है। इसके बावजूद विपक्ष के तीखे तेवर कम नहीं हो रहे हैं सोमवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होगा और दिसंबर 23 तक चलेगा।
संसद सत्र के मद्देनजर पिछले कुछ दिनों से सत्ता और विपक्ष के गलियारों में राजनीतिक सरगर्मियां जोरों पर है और जहां विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है, तो वहीं दूसरी ओर सरकार विपक्ष के हम लोग को नाकाम करने की तैयारी कर रही है। विपक्षी दलों ने यह साफ कर दिया है कि किसान कृषि एमएसपी को कानूनी रूप देने में, महंगाई ,पेट्रोल डीजल की कीमत, बेरोजगारी, पेगासस ,कोरोनावायरस और बीएसएफ के क्षेत्राधिकार जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगी।
विपक्षी दलों ने जोर देकर कहा है कि वह सरकार से इन तमाम मुद्दों पर सवाल पूछेगा और उसके विफलताओं को सामने रखेगा
सरकार ने भी विपक्ष के हमलों को नाकाम करने की रणनीति बनाने में जुटी है सरकार ने सुशासन और विकास के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए 25 से भी अधिक विधायकों को सूचीबद्ध किया है इनमें कृषि कानूनों को वापस लेने संबंधी विधेयक के अलावा क्रिप्टो करेंसी से संबंधित विधेयक बिजली संशोधन विधायक दो विधेयक 2021 पेंशन सुधार संबंधी विधेयक दिवाला एवं शोधन क्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021 ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक 2021 और मध्यस्थता विधेयक 2021 शामिल है