PM Modi’s Speech In Lok Sabha: पीएम मोदी का लोकसभा में संबोधन, पहले अखबारों की हेडलाइन हुआ करती थी इतने लाख के घोटाले

PM Modi's Speech

PM Modi’s Speech In Lok Sabha: पीएम मोदी का लोकसभा में विपक्ष पर पीएम मोदी ने कटाक्ष किया पहले घोटाले खबर बनते थे लेकिन दस साल में घोटाले नहीं हुआ।

PM Modi’s Speech In Lok Sabha

पीएम मोदी का लोकसभा में संबोधन,बोले डीबीटी के मध्यम से हमने चालीस लाख करोड़ सीधा जानता के अकाउंट में दिखा ।हमारा मानना है जनता का पैसा जनता के लिए मेरे लिए ये बहुत बड़ा सौभाग्य है कि देश की जनता ने मुझे 14वीं बार इस जगह पर राष्ट्रपति जी के संबोधन का आभार व्यक्त करने का अवसर दिया है। इसलिए मैं जनता-जनार्दन का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं और सदन में इस चर्चा में जिन-जिन लोगों ने हिस्सा लिया व चर्चा को समृद्ध किया उन सबका भी मैं आभार व्यक्त करता हूं।

राष्ट्रपति जी का उद्बोधन भविष्य के 25 वर्ष और विकसित भारत के लिए एक नया विश्वास जगाने वाला है। एक प्रकार से आदरणीय राष्ट्रपति जी का ये उद्बोधन विकसित भारत के संकल्प को मजबूती देने वाला है, नया विश्वास पैदा करने वाला है और जन-सामान्य को प्रेरित करने वाला है। हमने गरीब को झूठे नारे नहीं, सच्चा विकास ​दिया है। गरीब का दुख, सामान्य मानवी की तकलीफ, मिडिल क्लास के सपने ऐसे ही नहीं समझे जाते हैं, इसके लिए जज्बा चाहिए। मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कुछ लोगों में ये है ही नहीं।

विपक्ष पर पीएम मोदी ने कटाक्ष किया


जब ज़्यादा हताशा निराशा बढ़ जाती है तब भी बहुत कुछ बोलते है। दस करोड़ फर्जी लोग जिनका जन्म नहीं हुआ था वो भी सरकारी योजना का फायदा ले रहे थे – हमने इनको हटाया – राजनीतिक फ़ायदा नुक़सान नहीं सोचा । इससे तीन लाख करोड़ रुपए ग़लत हाथो में जाने से बचे। जो बचत सरकार की हुई उससे हमने शीशमहल नहीं बनाया बल्कि देश बनाने में किया

पहले घोटाले खबर बनते थे लेकिन दस साल में घोटाले नहीं हुआ


उससे भी पैसा बचा स्वछता अभियान से कबाड़ बेच कर 2300 करोड़ सरकार के खजाने में आया। फूस की और प्लास्टिक की कच्ची छत के नीचे जीवन गुजारना कितना मुश्किल होता है। कुछ ऐसे पल भी होते हैं, जब सपने रौंद दिए जाते हैं और ये हर कोई नहीं समझ सकता है। अब तक गरीबों को 4 करोड़ पक्के घर मिले हैं। जिसने उस जिंदगी को जिया है, उसे समझ होती है कि पक्की छत वाला घर क्या होता है। ग़रीब परिवारों को सरकारी योजनाओं से लगभग 40000 बचत होती है फ्री अनाज से हजारों की बचत हो रही है सूर्यघर योजना में तहत गरीब का बिजली का खर्च भी कम हुआ led बल्ब योजना से देश का बीस हज़ार करोड़ बच्चे हैं । किसानो को तीस हज़ार की बचत हुई है सॉइल कार्ड यूज़ करने से इनकम टैक्स कम करके मिडिल क्लास का पैसे बचाने का काम किया है।

2014 से पहले ऐसी गोली चलाई गई

2014 से पहले ऐसी गोली चलाई गई की देशवासियों का जीवन छलनी कर दिया गया था उस वक्त दो लाख तक सिर्फ़ इनकम टैक्स माफ़ी थी आज बारह लाख रूपे तक इनकम टैक्स से मुक्त है । हम लगातार ये करते आए हैं । हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे, जिन्होंने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है, तो गांव तक सिर्फ 15 पैसा ही पहुंचता है। उस समय, पंचायत से पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का राज था।

देश ने हमें अवसर दिया,

हमने समाधान खोजने का प्रयास किया। हमारा मॉडल है बचत भी विकास भी, जनता का पैसा, जनता के लिए। हमने जनधन, आधार, मोबाइल की JAM Trinity बनाई और डायरेक्ट ट्रांसफर करना शुरू किया। ​हमारे कार्यकाल में हमने 40 लाख करोड़ रुपया सीधा जनता-जनार्दन के खाते में जमा किया। दिल्ली में कई जगह आपको मिलेगा की कुछ परिवारों ने अपने म्यूजियम बनाकर रखे हैं । जनता के पैसे से काम हो रहा है मैंने पीएम म्यूजियम बनवाया जिसमे प्रथम से अब तक के पीएम का काम बताया गया हैं। हम लगातार युवा भविष्य को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ दल हैं, जो युवाओं को धोखा दे रहे हैं। ये दल, चुनाव के दौरान वादा तो करते हैं, लेकिन पूरा नहीं करते हैं। ये दल, युवाओं के भविष्य पर आप-दा बनकर गिरे हुए हैं। कुछ दल युवाओं के साथ लगातार धोखा कर रहे हैं..ये दल वादा को करते हैं..ये भत्ता देंगे वो भत्ता देंगे..लेकिन ये दल युवाओं के भविष्य पर आपदा बन कर गिरे हुए हैं संविधान की धारा के साथ एक स्पिरिट भी है ।

पहले अखबारों की हेडलाइन हुआ करती थी इतने लाख के घोटाले

10 साल हो गए, घोटाले न होने से देश के लाखों करोड़ रुपये बचे हैं, जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं। हमने जो अलग-अलग कदम उठाए, उनसे लाखों-करोड़ रुपये की बचत हुई, लेकिन उन पैसों का उपयोग हमने ‘शीशमहल’ बनाने के लिए नहीं किया, उन पैसों का उपयोग हमने देश बनाने के लिए किया है। WHO की एक रिपोर्ट आई है, जिसके मुताबिक नल से शुद्ध जल मिलने के ​कारण, उन परिवारों में जो अन्य ​बीमारियों पर खर्चे होते थे, औसत 40 हजार रुपया परिवार का बचा है। ऐसी अनेक योजनाएं हैं, जिसने सामान्य मानवी के खर्च में बचत की है।

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