PMEGP: प्रधानमंत्री रोजगार सृजन से गांवों ने शहरों को पीछे छोड़ा, जाने PMEGP योजना के बारे में

Prime Minister's Employment Generation Programme

PMEGP: प्रधानमंत्री रोजगार सृजन से गांवों ने शहरों को पीछे छोड़ा, जाने PMEGP योजना के बारे मेंसरकार लोगों को अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने में मदद करने के लिए PMEGP नाम की एक योजना चला रही है। ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ (PMEGP) ने गांवों में रोजगार के नए रास्ते खोल दिए हैं. इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में शुरू हुए छोटे व्यवसायों ने शहरों के मुकाबले ज्यादा लोगों को नौकरी दी है।

PMEGP

गांवों में शुरू हुए हर छोटे व्यवसाय ने औसतन 8.19 लोगों को रोजगार दिया है। यह आंकड़ा शहरों के मुकाबले ज्यादा है, जहां प्रति यूनिट 8.07 नौकरियां पैदा हुई हैं। PMEGP योजना ने अब तक 80.52 लाख नौकरियां पैदा की हैं, जिनमें से 64.55 लाख नौकरियां सिर्फ गांव में ही बनी हैं। योजना के तहत शुरू किए गए कुल 9.86 लाख व्यवसायों में से 79.89% गांवों में हैं। मतलब, लगभग 80% व्यवसाय ग्रामीण इलाकों में शुरू किए गए हैं। बाकी 20.11% शहरी इलाकों में शुरू किए गए हैं। 2008-09 से 2023-24 तक PMEGP के तहत पैदा होने वाले रोजगार में हर साल औसतन 8.67% की बढ़ोतरी हुई है।

क्या है प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम


भारत सरकार ने रोजगार के नए मौके पैदा करने के लिए ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ (PMEGP) नाम की योजना शुरू की थी। यह योजना 31 मार्च 2008 तक चल रही दो पुरानी योजनाओं- ‘प्रधानमंत्री रोजगार योजना’ (PMRY) और ‘ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम’ (REGP) को मिलाकर बनाई गई है। PMEGP योजना का मकसद है कि लोग खुद का काम शुरू कर सकें और नौकरी पा सकें। इससे गांव और शहरों में रहने वाले बेरोजगार नौजवानों और कारीगरों को घर से ही काम करने का मौका मिलता है।

गांवों ने शहरों को पीछे छोड़ा


PMEGP योजना ने लोगों को अपने गांवों में ही नए व्यवसाय शुरू करने का मौका दिया। इससे उन्हें शहरों की ओर पलायन करने की जरूरत नहीं पड़ी। योजना के तहत कई तरह के व्यवसाय शुरू किए जा सकते हैं, जैसे कि कृषि-आधारित उद्योग, हैंडिक्रॉफ्ट, फूड प्रोसेसिंग और सर्विस सेक्टर। PMEGP योजना के तहत सब्सिडी, ऋण और प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। इस वजह से भी लोगों को अपना व्यवसाय शुरू करने में मदद मिलती है। पूर्वोत्तर क्षेत्र और पहाड़ी इलाकों में PMEGP योजना के तहत ज्यादा सब्सिडी और दूसरे ऋण के जरिए अतिरिक्त सहायता दी जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर कम होते हैं, इसलिए PMEGP योजना वहां ज़्यादा प्रभावी रही होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में PMEGP योजना के बारे में ज्यादा जागरूकता भी एक कारण हो सकता है।

PMEGP का वर्ग के लोगों ने उठाया ज्यादा फायदा


प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम ने महिलाओं और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को रोजगार के कई अवसर दिए हैं। इसमें महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है. 2023-24 में सबसे ज्यादा महिलाओं को इस योजना का फायदा मिला। अनुसूचित जाति के लोगों को भी PMEGP के जरिए रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भागीदारी लगभग स्थिर रही है।

PMEGP योजना के सफलता का आधार


प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सरकार ने बताया कि एक खास वेबसाइट बनाई गई है जहां आप अपना आवेदन करने से लेकर पैसे मिलने तक पूरी प्रक्रिया देख सकते हैं। इससे पता चलता है कि आपका आवेदन किस स्टेज पर है और पैसे कब मिलेंगे। सरकारी अफसर खुद जाकर उन छोटे-छोटे व्यवसायों को देखते हैं जो PMEGP की मदद से शुरू हुए हैं। वे यह देखते हैं कि व्यवसाय सही जगह पर है या नहीं और वह चल भी रहा है या नहीं। इसके लिए वे उस जगह की फोटो और लोकेशन भी लेते हैं।

छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए


PMEGP योजना के तहत शुरू होने वाले छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने और उन्हें सफल बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। कोरोना के समय में बहुत से व्यवसायों को नुकसान हुआ था। इसलिए सरकार ने यह नियम बनाया है कि जो लोग PMEGP या MUDRA योजना के तहत पहले से ही कोई व्यवसाय चला रहे हैं और दूसरी बार लोन लेना चाहते हैं, उन्हें कोरोना के समय के नुकसान को नहीं गिना जाएगा।

सरकार दो दिन का मुफ्त ऑनलाइन प्रशिक्षण देती है। व्यवसाय चलाने के तरीके सीखने को मिलते हैं। जनवरी 2024 से लोग 11 क्षेत्रीय भाषाओं में PMEGP योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। इससे उन लोगों को मदद मिलती है जिन्हें हिंदी या अंग्रेजी नहीं आती। जो लोग नया व्यवसाय शुरू करना चाहते है। वो इस योजना का इस्तेमाल कर सकते है।

इसे भी पढ़ें:https://indiapostnews.com/prime-ministers-employment-generation-programme/