Rahul Gandhi Lok Sabha: राहुल गांधी बोले – पीएम मोदी में इंदिरा गांधी जैसी 50 प्रतिशत भी हिम्मत है, तो वे कहें कि ट्रंप झूठ बोल रहे

Rahul Gandhi Lok Sabha:ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मोदी सरकार ने भारतीय सेना के बांधे हाथ- राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी थी

राहुल ने मोदी सरकार की विफल विदेश नीति की खोली पोल, कहा- दुनिया के किसी भी देश ने पाकिस्तान की निंदा नहीं की

पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड पाकिस्तानी सेना प्रमुख को ट्रंप ने भोजन पर आमंत्रित किया

Rahul Gandhi Lok Sabha

नई दिल्ली, 29 जुलाई

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने जबरदस्त भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसी 50 प्रतिशत भी हिम्मत है, तो उन्हें कहना चाहिए कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत-पाक के बीच संघर्ष विराम को लेकर झूठ बोल रहे हैं और भारतीय जेट नहीं गिरे।

लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान बोलते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप अब तक 29 बार दावा कर चुके हैं कि उन्होंने संघर्ष विराम कराया है। उन्होंने कहा कि भारत ऐसे प्रधानमंत्री को बर्दाश्त नहीं कर सकता, जिसमें यह कहने की हिम्मत न हो कि ट्रंप संघर्ष विराम कराने और भारतीय जेट के गिरने के बारे में झूठ बोल रहे हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सोमवार को संसद में दिए गए भाषण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इससे सिर्फ यही पता चलता है कि मोदी सरकार में राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव है। उन्होंने पूछा कि वरना मोदी सरकार ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के आधे घंटे से भी कम समय में पाकिस्तान सरकार को यह क्यों बताती कि उसने उसके सैन्य ठिकानों पर हमला नहीं किया है और वह संघर्ष को और बढ़ाना नहीं चाहती। उन्होंने पूछा कि सैन्य बलों और भारतीय वायु सेना को पाकिस्तान के सैन्य ढांचे और वायु रक्षा प्रणाली पर हमला न करने के लिए क्यों कहा गया? उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को कोई ऑपरेशनल आज़ादी नहीं दी गई, क्योंकि सरकार में राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव था। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे समय में प्रधानमंत्री द्वारा अपनी छवि बचाने के लिए सेना का इस्तेमाल करना देश के लिए खतरनाक है। सैन्य बलों का इस्तेमाल केवल राष्ट्रीय हित में ही किया जाना चाहिए।

राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 1971 युद्ध और ऑपरेशन सिंदूर की तुलना करने पर भी पलटवार किया। उन्होंने याद दिलाया कि 1971 में राजनीतिक इच्छाशक्ति थी। अमेरिका का सातवां बेड़ा आ रहा था, लेकिन उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी ने सेना को पूरी छूट दी। इसी के बाद एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर किया और बांग्लादेश बना।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार की विफल विदेश नीति पर प्रहार करते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमला पाकिस्तान सरकार द्वारा सुनियोजित था। इसके बावजूद दुनिया के किसी भी देश ने पाकिस्तान की निंदा नहीं की। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में भोजन पर आमंत्रित किया। उन्होंने इसे मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक विफलता बताया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत को पाकिस्तान के बराबर खड़ा कर रही है, जबकि यूपीए सरकार के समय आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पूरी दुनिया पाकिस्तान की निंदा करती थी। इस दौरान उन्होंने विदेश मंत्री को भी आड़े हाथों लिया।

राहुल गांधी ने पाकिस्तान और चीन के बीच गठजोड़ होने को लेकर कहा कि भारत के सैन्य बलों ने अकेले पाकिस्तान से नहीं, बल्कि पाकिस्तान और चीन दोनों की सेनाओं से लड़ाई लड़ी। उन्होंने सदन को याद दिलाया कि उन्होंने कुछ महीने पहले पाकिस्तान-चीन गठजोड़ के बारे में चेतावनी दी थी, लेकिन उसे गंभीरता से नहीं लिया गया। अगर मोदी सरकार ने उस समय बात सुनी होती, तो शायद आज ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता।

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