Ram Mandir Inauguration: कांग्रेस पार्टी ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल ना होने का फैसला लिया है। कांग्रेस ने बुधवार को एक बयान जारी कर इसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी का कार्यक्रम बताया।
Ram Mandir Inauguration
Ram Mandir Inauguration: हालांकि यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने इस तरह के आयोजन का बहिष्कार किया हो बीजेपी ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से दूरी बनाने के फैसले को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा इतना ही नहीं बीजेपी ने कहा कि ऐसे मौके पर जब कांग्रेस ने इस तरह के बड़े आयोजनों का बहिष्कार किया।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा कि कांग्रेस नकारात्मक राजनीति करती है। और हर चीज का बहिष्कार कर रही है। इसलिए जनता ने कांग्रेस का बहिष्कार कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि या गांधी की नहीं बल्कि जवाहरलाल नेहरू की कांग्रेस से उन्होंने कांग्रेस की ओर से बहिष्कार किए जाने के सभी कार्यक्रमों को गिनाया।
22 जनवरी 2024 राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से मल्लिकार्जुन खडगे के कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी विपक्षी की नेता अधीर रंजन चौधरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण मिला था लेकिन कांग्रेस ने इस आयोजन से दूरी बनाने का फैसला किया है।
सितंबर 2023 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी20 समिट के दौरान रात्रि भोज का आयोजन किया था। इसके लिए कांग्रेस के कई नेताओं को निमंत्रण भेजा गया लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों समेत तमाम नेता इसमें शामिल नहीं हुए थे हालांकि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह इस कार्यक्रम में पहुंचे थे।
मई 2023 राम मंदिर नई संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार इसी तरह 2023 में नई संसद का उद्घाटन हुआ था कांग्रेस समिति तमाम विपक्ष परियों के नेता ने इसका बहिष्कार किया इन पार्टियों का भी कोई नेता नहीं संसद के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ था।
जनवरी 2021 कांग्रेस और अन्य पक्षी दलों ने संसद के संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभी भाषण का बहिष्कार किया।
दिसंबर 2020 कांग्रेस पार्टी ने नई संसद के भूमि पूजन समारोह का भी बहिष्कार किया था।
अगस्त 2019 प्रणब मुखर्जी को जब भारत रत्न दिया गया था तब इस समारोह में डॉक्टर मनमोहन सिंह राहुल गांधी और सोनिया गांधी अनुपस्थित रहे थे हालांकि कई अन्य कांग्रेस नेता इस कार्यक्रम में पहुंचे थे।
जून 2017 कांग्रेस ने जीएसटी लागू होते वक्त संसद के सत्र का बहिष्कार किया था।
1951 पंडित जवाहरलाल नेहरू कथित तौर पर सोमनाथ मंदिर के जिलों द्वारा राजेंद्र प्रसाद की उपस्थिति के खिलाफ थे इसलिए उन्होंने इस आयोजन से दूरी बनाने का फैसला लिया था।
2004 के बाद 2009 तक कांग्रेस ने कारगिल विजय दिवस का बहिष्कार किया।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस की बहिष्कार करने वाली परंपरा रही है। 1998 में में अटल बिहारी वाजपेई जी की सरकार के नेतृत्व में हुए पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद 10 दिन तक कांग्रेस ने कोई बयान नहीं दिया था।
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