Saket Mishra Shravasti: कौन है साकेत मिश्रा जिन्हे बीजेपी में श्रावस्ती से दिया लोकसभा का टिकट

Saket Mishra

Saket Mishra Shravasti: भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के नाम का इलाज कर दिया है।

Saket Mishra Shravasti

Saket Mishra Shravasti: बीजेपी ने इस बार कई युवा चेहरों को भी मौका दिया है। इसी कड़ी में श्रावस्ती सितारे के 53 साल के साकेत मिश्रा भी है। साकेत मिश्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व पूर्व सचिव और मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष निपेंद्र मिश्रा के बेटे हैं।

आपको बता दे कि श्रावस्ती सीट पर पिछली बार भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था ऐसे में सीट पर बीजेपी का दांव कितना कारगर साबित होगा। यह तो चुनाव के परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।

आपको बता दे की साकेत मिश्रा उत्तर प्रदेश विधान परिषद में बीजेपी के मनोनीत सदस्य हैं। उनके पिता ने निपेन्द्र मिश्रा 1967 बैच के आईएएस अधिकारीथे। इसके बाद वह वर्तमान में अयोध्या में राम मंदिरन्यास के अध्यक्ष है ।ऐसा कहा जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीसे उनके अच्छे तालुकात है।

माना ये भी जाता है कि उनके बेटे था कि साकेत मिश्रा की भारतीय जनता पार्टी में अच्छी खासी पैठ है। साकेत मिश्रा ने दिल्ली के कॉलेज से अच्छा चुकी पढ़ाई की है इसके बाद कलकत्ता भारतीय प्रबंध संस्थान से मैनेजमेंट की डिग्री ली। साकेत मिश्रा ने बैंक में नौकरी की लेकिन सिविल सर्विसेज पर फोकस करने के लिए एक महीने में ही जॉब छोड़ दिए थे। इसके बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा निकालकर और आईपीएस बन गए लेकिन उनका मन इन्वेस्टमेंट सेक्टर में लगा था इसलिए नौकरी छोड़ दी और विदेश चले गए 18 साल तक बड़े वैश्विक बैंकों के लिए काम किया इसके बादभारत समाज की सेवा करने काफैसला लिया।

भारत आने के बाद एमएसएमई सेक्टर की प्राइवेट इक्विटी से संबंधित काम को शुरू किया इसके समाज सेवा के काम से भी जुड़ गए । 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद क्षेत्र में सकेत मिश्रा को काफी पहचान मिलने लगी सूत्रों की माने तो योगी ने सकेत मिश्रा को पूर्व में काम करने का निर्देश दिया था।

गौर तलब है कि श्रावस्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की कर्मभूमि रही है धार्मिक लिहाज से भी श्रावस्ती काफी प्रसिद्ध है। यहां हर साल नेपाल श्रीलंका चीन जापान और थाईलैंड से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं। यह भगवान बुद्ध की तपोस्थली है। माफिया अतीक अहमद ने भी इस सीट पर किस्मत आजमाई थी लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा था ।

2009 में यहां कांग्रेस ने जीत हासिल की थी इसके बाद 2014 में भाजपा प्रत्याश दद्दन मिश्रा अतीक अहमद को हराकर लोकसभा पहुंचे थे 2019 में लोकसभा चुनाव में उन्हें बीएसपी के प्रत्याशी राम शिरोमणि वर्मा के सामने हार का सामना करना पड़ा था।

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