अल्पसंख्यक मंत्रालय ने स्कॉलरशिप स्कीम में हाल ही में एक बड़ा घोटाला सामने आया है जिसको लेकर सीबीआई जल्दी ही राज्यों के अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है।
सूत्रों की मानें तो 21 राज्यों में स्कॉलरशिप स्कीम का गोरखधंधा चल रहा था। 1572 अल्पसंख्यक संस्थानों में सिर्फ 830 संस्थान कागजों पर चल रहे थे। मंत्रालय ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है।
सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार के अधिकारियों की मिलीभगत से अल्पसंख्यक संस्थाओं ने छात्रों के नाम पर बीते 5 सालों में 144.83 करोड़ का घोटाला किया है
आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला
केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय की जांच में स्कॉलरशिप स्कीम में घोटाला सामने आने के बाद पता चला है कि फर्जी मदरसो और फर्जी छात्रों के नाम पर करोड़ों की स्कॉलरशिप बैंक खाते के जरिए निकाल दी गई। मामले की जानकारी मिलते ही अल्पसंख्यक मंत्रालय ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी है।
शुरुआती जांच में सामने आया है कि देश के 15 से 72 संस्थानों में करीब 830 संस्थान सिर्फ कागजों पर पाए गए। इनमें पिछले 5 सालों में 144.83 करोड़ की स्कॉलरशिप का घोटाला किया गया।
देश में करीब 180000 अल्पसंख्यक संस्थान है अल्पसंख्यक मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो करीब 53 फीसदी संस्थान फेक या नॉन ऑपरेटिंग निकले। इसके लिए मंत्रालय ने नेशनल काउंसिल आफ अप्लाइड इकोनामिक रिसर्च से करवाई गई है।
सरकार ने 830 फर्जी संस्थानों का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया है सूत्रों की माने तो मदरसों और अल्पसंख्यक संस्थानों में पढ़ने वाले बच्चों को यह स्कॉलरशिप दी जाती है कई मामलों में पता चला है कि एक मोबाइल नंबर पर 22 बच्चे रजिस्टर्ड थे इस तरह केरल में 1 जिले के मल्लम मल्लपुरम में पिछले 4 साल से 800000 बच्चों को छात्रवृत्ति मिली
वहीं आसाम के 9 गांव के एक बैंक शाखा में 66000 स्कॉलरशिप खाते एक ही बार खोले गए। इसी तरह कश्मीर के अनंतनाग डिग्री कॉलेज का मामला सामने आया। कॉलेज में कुल 5000 छात्रों की संख्या है लेकिन फर्जीवाड़ा कर 7000 छात्रों की स्कॉलरशिप ली जा रही थी।
आइए जानते हैं आखिरकार इस घोटाले का खुलासा कैसे हुआ
अल्पसंख्यक मंत्रालय के मुताबिक साल 2016 में जब पूरी स्कॉलरशिप प्रक्रिया को डिजिटलाइज किया गया तो घोटाले की परतें खुलना शुरू हो गई ।
साल 2022 में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को जब अल्पसंख्यक मंत्रालय का प्रभाव दिया गया तो इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बड़े लेवल पर जांच शुरू कराई गई।
केंद्र सरकार अब तक 22000 करोड रुपए स्कॉलरशिप के रूप में जारी कर चुकी है। इसमें पिछले 4 साल से हर साल 2239 करोड रुपए जारी किए गए। देश की 1200000 बैंक की शाखाओं में हर ब्रांच में करीब 5000 से ज्यादा बच्चों को स्कॉलरशिप के पैसे जा रहे थे देश में 175000 मदरस इनमें केवल 27000 मदरसे ही रजिस्टर्ड है जो स्कॉलरशिप लेने के लिए पात्र है। हैं
यह स्कॉलरशिप अल्पसंख्यक समुदाय के पहले क्लास से लेकर एचडी तक के छात्रों को दी जाती है इसके तहत 4000 से लेकर 25000 रुपए दिए जाते हैं जांच में सामने आया है कि 1.3 लाख बच्चे बिना हॉस्टल के रह रहे थे लेकिन वह इसके नाम पर मिलने वाली स्कॉलरशिप ले रहे थे