Swachha Mahakumbh 2025: स्वच्छता का नया कीर्तिमान बना रहा महाकुम्भ 2025

Swachha Mahakumbh 2025: स्वच्छता का नया कीर्तिमान बना रहा महाकुम्भ 2025

सीएम योगी की मंशा के अनुरूप मेले से पहले अतिक्रमण मुक्त सड़कों पर फोकस

नदी, घाट और श्रद्धालुओं के आने-जाने वाले मार्ग पर साफ सफाई की व्यवस्था

स्वच्छताकर्मियों और उनके बच्चों का भी रखा जा रहा विशेष ध्यान

Swachha Mahakumbh 2025

01 जनवरी, महाकुम्भनगर। प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुम्भ 2025 का आगाज होने जा रहा है। महाकुम्भ के आयोजन को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इस बार महाकुम्भ को स्वच्छ महाकुम्भ बनाने के लिए व्यापक कार्य किए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं को स्वच्छ महाकुम्भ का अनुभव दिलाने के साथ ही स्वच्छताकर्मियों का भी ध्यान रखा जा रहा है। उनके लिए सैनिटेशन कॉलोनी और उनके बच्चों के लिए प्राथमिक विद्यालय खोले जा रहे हैं। सीएम योगी ने भी मंगलवार को समीक्षा बैठक में स्वच्छता को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए थे। उन्होंने मेले में काम कर रहे स्वच्छताकर्मियों और अन्य कर्मचारियों के रहने, खाने उनके काम के समय और वेतन भुगतान का उचित प्रबंध रखने को कहा था।

महाकुम्भ 2025 में बनेंगे स्वच्छता के नये विश्व कीर्तिमान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक के दौरान कहा था कि 2019 के कुम्भ में हमारी सरकार ने स्वच्छता का विश्व कीर्तिमान बनाया था, 2025 के महाकुम्भ में हमें उसे और आगे बढ़ना है। महाकुम्भ में स्वच्छता और स्वास्थ हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उनके निर्देश पर श्रद्धालुओं के मार्गों से सभी तरह की निर्माण सामग्री हटाए जाने का कार्य शुरू हो गया है। साथ ही निर्माण कार्यों का मलबा, पत्थर, ईट-रोड़ा भी हटाने पर फोकस किया जा रहा है। सड़कों को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त किए जाने की योजना है तो सड़क पर लगने वाले ठेले, रेड़ीयों को वेंड़िग जोन में जगह दिए जाने पर विचार हो रहा है। नियमित रूप से मार्गों की सफाई, कूड़े-कचरे के निस्तारण के आदेश दिए गए हैं। प्रयास है कि न केवल मेला क्षेत्र बल्कि पूरे शहर में स्वच्छता की समग्रता दिखाई दे।

नदी, घाट और श्रद्धालुओं के आने-जाने वाले मार्ग होंगे पूरी तरह साफ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वच्छ महाकुम्भ अभियान को सफल बनाने कि दिशा में मेले के पहले स्वच्छताकर्मियों की तैनाती, उनके रहने-खाने की व्यवस्था का प्रबंधन करने के निर्देश दिये थे। उन्होंने नहाने दौरान घाटों और नदियों को भी पूरी तरह स्वच्छ रखने को कहा। निर्देशों के क्रम में मेले में प्लास्टिक का प्रयोग
पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसकी रोकथाम को स्वयं मेला अधिकारी सुनिश्चित कर रहे हैं। मेला क्षेत्र में दवाईयों का छिडकाव और फागिंग नियमित रूप से कराए जाने की व्यवस्था कर दी गई है। ये भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि शौचालय की सफाई में किसी तरह की कमी या शिकायत नहीं उत्पन्न हो।

स्वच्छताकर्मियों और उनके बच्चों का भी रखा जा रहा पूरा ध्यान
सीएम ने मेला अधिकारी और प्राधिकरण को मेले में तैनात स्वच्छताकर्मियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने स्वच्छताकर्मियों के रहने-खाने के साथ, उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा और समय पर उनका वेतन देने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने स्वच्छताकर्मियों के बच्चों के लिए मेले के दौरान स्कूल, ड्रेस, स्वेटर और मिड डे मील की व्यवस्था करने को भी कहा था। मेला प्राधिकरण इस पर लगातार कार्य कर रहा है। सैनिटेश कालोनियों में सफाई और स्वास्थ्य की पूरी व्यवस्था की जा रही है और उनके बच्चों को विद्या कुंभ के माध्यम से प्राथमिक विद्यालय से जोड़ा जा रहा है।

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