फाजिलनगर, यूपी। कुशीनगर। फाजिलनगर विधानसभा सीट का चुनाव इस बार काफी रोचक होने वाला है। पडरौना से तीन बार लगातार विधायक रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के सहारे सपा फाजिलनगर में 14 साल बाद जीत की गद्दी पर पहुंचने के सपने बुन रही है। भाजपा विधायक गंगा सिंह कुशवाहा चुनाव मैदान में उतरे पुत्र सुरेंद्र कुशवाहा के सहारे हैट्रिक लगाने के प्रयास में है। सपा से बगावत करने वाले मोहम्मद इलियास अंसारी को बसपा अपना योद्धा बनाकर खाता खोलने के प्रयास में है। जबकि कांग्रेस मनोज सिंह के सहारे पुराना वैभव वापस पाने की कोशिश में लगी है।
जनपद का फाजिलनगर विधानसभा सीट चुनावी उठापटक के बाद सबसे चर्चित हो गया है। भाजपा तथा बसपा के चुनावी घेराबंदी के बीच पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य बुरी तरह फंसे हुए प्रतीत हो रहे हैं। उन्हें इस बार लोकतंत्र की पनघट रूपी विधानसभा में पहुंचने की डगर कठिन दिख रही है।
फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र राष्ट्रीय राजमार्ग 28 के दोनों तरफ पड़ता है। यह विधानसभा सोशलिस्टो का गढ़ रहा है। 2022 के विधानसभा चुनाव में लड़ाई त्रिकोणात्मक हो गई है। यहां से पूर्व कैबिनेट मंत्री व कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य सपा की टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं। स्वामी के सामने बसपा के इलियास अंसारी तथा भाजपा के सुरेंद्र कुशवाहा सीना तान कर उनकी राह रोकने और अपना परचम लहराने की हर जोर आजमाइश कर रहे हैं।
फाजिलनगर सीट पर चार-चार बार सोशलिस्ट पार्टी और जनता दल को जीत मिली है। वर्ष 1967, 1974, 1980 और 1985 में कांग्रेस के कब्जे में यह सीट रही। 1985 के बाद क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस के उम्मीदवार पर भरोसा नहीं किया। बसपा के भी किसी उम्मीदवार पर यहां की जनता ने भरोसा नहीं जताया। इस सीट पर तीन बार भाजपा और तीन बार सपा को जीत हासिल हुई है। विश्वनाथ सिंह ने 1993, 1996 और 2007 के विधानसभा चुनाव में सपा को जीत दिलाई। भाजपा से 2002 में जगदीश मिश्र चुनाव जीते तो 2012 से गंगा सिंह कुशवाहा विधायक हैं।
इस बार के चुनाव में सभी दल जातिगत वोटों को साधकर यह सीट को अपनी झोली में डालने की कोशिश में हैं। ब्राह्मण, कुशवाहा, चनऊ और मुस्लिम बाहुल इस सीट पर भाजपा एवं सपा दोनों की नजर है। इन दोनों ने सजातीय उम्मीदवार उतारे हैं। सपा उम्मीदवार के रूप में पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य चुनाव मैदान हैं तो भाजपा विधायक गंगा सिंह कुशवाहा के पुत्र सुरेंद्र कुशवाहा ताल ठोक रहे हैं। बसपा ने लंबे समय से सपा के झंडे तले राजनीति करने वाले मोहम्मद इलियास अंसारी को मैदान में उतारा है। इस चुनाव में इलियास को सपा से टिकट न मिलने पर उन्होंने नामांकन के दौरान बसपा का दामन थाम लिया था। कांग्रेस ने मनोज सिंह को चनऊ और अन्य पिछड़े-अगड़े वोटरों को साधने के लिए उतारा है।
अब फाजिलनगर सीट पर जीत तय करने वाले कुछ मेन बातें हैं, जो यह तय करेंगी कि यहां से कौन जितागा । पहला यह कि वहां के स्थानीय मौर्य-कुशवाहा जो अभी तक सुरेन्द्र कुशवाहा को स्थानीय होने के कारण तवज्जो दे रहे हैं, वो लास्ट में स्वामी प्रसाद मौर्य को अपनाते हैं या नहीं ? दूसरा यह कि यहां के मुस्लिम वोटर समाजवादी पार्टी का साथ देंगे या बसपा प्रत्याशी मोहम्मद इलियास को । यहां के मुस्लिम और मौर्य-कुशवाहा वोटर हीं तय करेंगे कि फाजिलनगर की त्रिकोणीय लड़ाई में जीत सेहरा किसके सर पर बंधेगा ।
रिपोर्ट- संजीव सिंह कुशवाहा