यूक्रेन में फंसे बरेली के तस्विहा और सीमाल की आखिरकार वतन वापसी से इकबाल अख्तर के घर में ईद जैसी खुशी, पीएम मोदी को दिया धन्यवाद।

बरेली, यूपी। यूक्रेन में फंसे बरेली के तस्विहा और सीमाल की आखिरकार वतन वापस हो ही गई। यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए यह भाई बहन रूस और यूक्रेन के युद्ध में फस गए थे । वहां के हालात को देखते हुए उसके परिजन खासा परेशान थे लेकिन आज जब उनकी वतन वापसी हो गई तो उनके घर में जश्न का माहौल है।

बरेली के बिहारीपुर के रहने वाले इकबाल अख्तर के घर में आज मानों ईद का त्योहार की खुशियां हो। हर तरफ लोग एक दूसरे को बधाई दे रहे थे । एक दूसरे को मिठाई खिला रहे थे । इस घर में खुशियों का माहौल इस लिए है क्योंकि इस घर के भाई-बहन यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए थे लेकिन यूक्रेन के युद्ध के हालात को देखते हुए यह वहां पर फस गए थे और चाह कर भी वतन वापसी नहीं हो पा रही थी। लेकिन मोदी सरकार के ऑपरेशन गंगा के तहत तस्वीहा और सीमाल अख्तर को आखिरकार अपने घर का आना नसीब हुआ है।

इस मौके पर उन्होंने वहां के हालातों को अपनी जुबानी वर्णन किया है। सीमाल अख्तर के मुताबिक उसको हमेशा डर लगा रहता था कि उसकी और उसकी बहन के साथ कोई अनहोनी ना हो जाए। क्योंकि यूक्रेन पर मौजूदा समय में दिन रात बमबारी हो रही है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि कैसे वहां फंसे भारतीयों को सकुशल निकाल कर वतन में लाया जाए। ऐसे में बरेली के इन भाई-बहनों ने मोदी सरकार का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि वहां के हालात को देखते हुए ऐसा नहीं लग रहा था कि वह अपने वतन वापस जा पाएंगे।

आज सीमाल का जन्मदिन भी है और उसके घर वापसी में उसके घर में जश्न का माहौल है। जमाल के पिता इकवाल अख्तर के मुताबिक जब से युद्ध शुरू हुआ था, तब से उनके परिवार में ना तो कोई सो पा रहा था ना ही कोई भरपेट भोजन कर रहा था। रात दिन सिर्फ यही दुआ करते थे कि कैसे भी करके उनके दोनों बच्चे सकुशल इंडिया वापस आ जाएं। ऐसे में उन्होंने मोदी सरकार का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि सरकार का यह कदम सराहनीय है।

रिपोर्ट- विकास वर्मा

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