Uniform Civil Code: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद देश में समान नागरिक संहिता को लेकर बहस छिड गई थी। इसी दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐलान किया था कि जल्दी राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाएगा।
Uniform Civil Code
Uniform Civil Code: मुख्यमंत्री के इस घोषणा के बाद राज्य में कस सरकार में बढ़ गई। अब राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए उत्तराखंड में उच्च लागू करने में देरी हो सकती है।
देश में अगले साल लोकसभा चुनाव अप्रैल में के आसपास हो सकते हैं। चर्चा है कि उत्तराखंड में अगले साल चुनाव के ऐलान से पहले समान नागरिक संहिता लागू किया जा सकता है। उत्तराखंड सरकार के हाल ही में लिए गए फैसले के बाद इस चर्चा को और बल मिला है सरकार ने 10 दिन पहले उत्तराखंड में उच्च का ड्राफ्ट तैयार करने वाली गठित विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ा दिया है ऐसे में यह माना जा रहा है कि भाजपा इस मुद्दे को चुनाव से पहले ठंडा नहीं पढ़ने देना चाहती है।
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न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली विशेषता के समिति का कार्यकाल 27 सितंबर को समाप्त हो रहा था जिसे 4 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। इस समिति का गठन पिछले साल 27 सिंतबर को किया गया था। समिति को इस साल जून के अंत तक उच्च का मसौदा उत्तराखंड सरकार को सपना था हालांकि ताई समय पर ड्रॉप तैयार नहीं हो पाया।
बीजेपी ने UCC राज्य में विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तराखंड में उस से लागू करने का वादा किया था इस समिति यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल का ड्राफ्ट तैयार कर चुकी है लेकिन इसे अभी तक राज्य सरकार को सौपा नहीं है समिति का कार्यकाल बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा था कि ड्राफ्ट बनाने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है लेकिन सरकार को रिपोर्ट नहीं सौंपी जा चुकी है।
दरअसल पांच सदस्यीय समिति को 6 महीने का पहला विस्तार नवंबर 2022 में और 4 महीने का दूसरा विस्तार इस साल में में मिला था।यूसीसी को देशभर में लागू करने की मांग के साथ उत्तराखंड में UCC के मसौदे में देरी को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
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