UPSC IAS Selection Process: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के जरिए देश में आईएएस अधिकारियों का चयन किया जाता है. आइए जानते हैं कि आईएएस बनने के बाद किस पद पर पहले तैनाती होती है और किसी आईएएस की तैनाती कैसे कबिनेट सचिव के पद पर की जाती है.
UPSC IAS Selection Process
इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS) का हिस्सा बनने के बाद कैंडिडेट्स को विभिन्न प्रशासनिक पदों पर काम करना होता है. यूपीएससी (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेज परीक्षा को पास करने के बाद, IAS अधिकारी के रूप में कैंडिडेट्स को प्रशासनिक कार्यों के लिए विभिन्न पदों पर नियुक्त किया जाता है. इन पदों पर काम करते हुए, अधिकारी को कई सालों का अनुभव हासिल होता है, और वह धीरे-धीरे अपने करियर में प्रमोट होते जाते हैं.
IAS की ट्रेनिंग कहां होती है?
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के जरिए चुने गए IAS अधिकारियों को सबसे पहले ट्रेनिंग के लिए उत्तराखंड के मसूरी में स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है. सबसे पहले 4 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है, जिसे फाउंडेशन कोर्स कहा जाता है. इसी दौरान IAS अफसरों को प्रशासन की बुनियादी बातों के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है.
सबसे पहले किस पद पर होती है तैनाती?
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद IAS अधिकारियों को जिलों में चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर यानी सीडीओ के रूप में तैनाती मिलती है. सीडीओ के रूप में काम करने के बाद IAS अफसरों को जिलों में डीएम के रूप में तैनाती मिलती है. यानी ट्रेनिंग से लेकर डीएम के पद तक पहुंचने में किसी भी IAS अफसर को लगभग पांच साल तक का वक्त लग जाता है.
5 से 8 साल तक इस पद पर करना होता है काम
एसडीएम के बाद आईएएस अधिकारियों को अगला पद एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (ADM) या डिप्टी सेक्रेटरी मिलता है. इस पद पर अधिकारी को जिले के प्रशासन में उच्चतर जिम्मेदारियां दी जाती हैं और उन्हें महत्वपूर्ण निर्णय लेने का अधिकार मिलता है. इस पद पर अधिकारियों को 5 से 8 साल तक काम करना होता है. इसमें अधिकारी पॉलिसी मेकिंग में योगदान करते हैं.
अब आती है DM बनने की बारी
डिप्टी सेक्रेटरी के बाद आईएएस अधिकारी को प्रमोट होकर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (DM) या जॉइंट सेक्रेटरी का पद मिलता है. डीएम के रूप में अधिकारी जिले के सबसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक प्रमुख होते हैं, जिनका काम कानून-व्यवस्था बनाए रखना और विकास कार्यों का प्रबंधन करना होता है. इस पद पर 9 से 12 साल तक काम किया जाता है. DM बनने के बाद अधिकारी का काम और जिम्मेदारी बढ़ जाती है और वह जिले के महत्वपूर्ण फैसलों में भाग लेते हैं.
डीएम के बाद भी प्रमोशन होता है
एक आईएएस डीएम बनने के बाद फिर स्पेशल सेक्रेटरी और डिविजनल कमिश्नर जैसे उच्च पद आते हैं. इसके बाद एडिशनल सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी, चीफ सेक्रेटरी और अंत में कैबिनेट सेक्रेटरी का पद मिलता है, जो एक आईएएस अधिकारी के लिए सर्वोत्तम माना जाता है.
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