Waqf Amendment Bill: वक्फ बिल पर संसद की संयुक्त समिति से चर्चा के लिए कश्मीर के अलगाववादी गठबंधन हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज उमर फारुक दिल्ली आए हुए हैं.
Waqf Amendment Bill
कश्मीर के अलगाववादी गठबंधन हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। यहां उनके साथ कश्मीर, जम्मू और लद्दाख के मुताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (एमएमयू) नेता भी आए हुए हैं। यह प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को वक्फ संशोधन विधेयक की जांच कर रही संसद की संयुक्त समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल से मिलेगा। और मिलकर वक्फ बिल पर JPC अध्यक्ष से बात करेंगे।
आप को बता दें। एमएमयू ने पिछले साल सितंबर में वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों के बारे में अपनी गंभीर चिंताओं से अवगत कराने के लिए जगदंबिका पाल से मिलने का समय मांगा था। प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य विधेयक के कुछ प्रावधानों के संबंध में अपनी कड़ी आपत्तियों को उजागर करना है, जिनका वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और स्वायत्तता तथा मुस्लिम समुदायों, विशेषकर वंचितों के कल्याण पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।
JPC के पास भेजा गया है बिल
पीएम मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार एनडीए की सरकार बनने के बाद संसद में वक्फ संसोधन विधेयक को पेश किया गया था। हालांकि विपक्ष की मांग के बाद इस बिल को जेपीसी के पास चर्चा के लिए भेज दिया गया। इस जेपेसी में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के सांसद मौजूद हैं जो कि इसके दुरगामी अच्छे बुरे परिणामों से लेकर हर पहलू पर चर्चा करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौपेंगे. इसी के बाद सदन में इस बिल को पास करने या न करने से जुड़ा फैसला लिया जाएगा.
MMU की चिंता
संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश होने के बाद से देशभर में इसे लेकर जमकर चर्चा चल रही है। मुस्लिम संगठन जहां इस बिल का पूरी तरह से विरोध कर रहे हैं वहीं हिंदू संगठनों इसके लिए सरकार की प्रशंसा कर रहे हैं। कुछ संगठन तो वक्फ को पूरी तरह समाप्त करने की ही मांग कर रहा है। मुताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (एमएमयू) इस बिल का विरोध कर रहा है। समूह की प्राथमिक चिंता इस बात की है कि नया विधेयक सरकार को यह अधिकार देता है कि वह वक्फ संपत्तियों को वापस सरकारी संपत्ति घोषित कर दे।
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