Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने UCC पोर्टल किया लॉन्च

Uniform Civil Code

Uniform Civil Code: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में संहिता की नियमावली व पोर्टल ucc.uk.gov.in का लोकार्पण किया।

Uniform Civil Code

उत्तराखंड में आज से समान नागरिक संहिता लागू हो गई है। उत्तराखंड ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने UCC पोर्टल करके इसकी शुरूआत की। वैसे तो इसका एक उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करना और धर्म के आधार पर भेदभाव को खत्म करना है। यूसीसी के तहत उत्तराखंड में कई महत्वपूर्ण बदलाव होने वाले हैं।

  • विवाह और तलाक: यूसीसी लागू होने से विवाह की न्यूनतम आयु पुरुषों के लिए 21 साल और महिलाओं के लिए 18 साल निर्धारित है। शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। तलाक की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और सबसे अहम कि इसमें बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाया गया है।
  • महिला सशक्तिकरण: महिलाओं को अधिकारों के मामले में समानता मिलेगी।
  • विरासत और संपत्ति: संपत्ति के बंटवारे में सभी वारिसों को समान अधिकार होंगे। धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा।
  • प्रिविलेज्ड वसीयत: सैनिकों के लिए ‘प्रिविलेज्ड वसीयत’ का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत वे अपनी वसीयत अपने हाथ से लिख या मौखिक रूप से निर्देशित करके भी तैयार कर सकते हैं।
  • वसीयत बनाना अनिवार्य नहीं: यूसीसी अधिनियम में वसीयत बनाना किसी के लिए अनिवार्य नहीं है और यह केवल एक व्यक्तिगत निर्णय है।
  • लिव-इन रिलेशनशिप: लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता दी गई है और ऐसे रिश्तों में पैदा होने वाले बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित किया गया है।
  • गोद लेना: गोद लेने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।

शुरू हुआ यूसीसी पोर्टल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज यानी कि 27 जनवरी को यूसीसी पोर्टल का शुभारंभ करेंगे. दोपहर 12.30 बजे सचिवालय में UCC पोर्टल का शुभारंभ किया जाएगा. उत्तराखंड सरकार के अनुसार यह अधिनियम उत्तराखंड राज्य के सम्पूर्ण क्षेत्र में लागू होगा, तथा राज्य से बाहर रहने वाले राज्य के निवासियों पर भी प्रभावी होगा.

कैसे होगा काम

यूसीसी पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन की थ्री लेयर की व्यवस्था होगी. इसके अलावा इंटरनेट की सुविधा ना होने या पोर्टल काम नहीं करने पर वहां सीएससी के माध्यम से पंजीकरण होगा. इसके लिए आधार कार्ड से रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा. कोई भी शिकायत होने पर आप पोर्टल पर ही दर्ज करा सकते हैं.

इस कानून के बाद उत्तराधिकारी होने के लिए गवाह की जरुरत होगी. तलाक लेने के लिए कोर्ट की मंजूरी जरुरी होगी. वैवाहिक संबंध तोड़ने पर 60 दिन के भीतर देना होगा पोर्टल पर सूचना देनी होगी. इसके अलावा लिव इन में रहने वालो को एक माह के भीतर पंजीकरण करवाना होगा. पंचायत पालिका निगम स्तर पर उप रजिस्ट्रार व रजिस्ट्रार तैनात किए जाएंगे.

बीजेपी शासित राज्य में लागू होगा यूसीसी

यूसीसी के तहत विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और विरासत से संबंधित व्यक्तिगत कानून अनुसूचित जनजातियों और संरक्षित प्राधिकरण-सशक्त व्यक्तियों और समुदायों को छोड़कर सब पर समान रूप से लागू होंगे. इसके लागू होने के बाद वसीयतनामा उत्तराधिकार के तहत वसीयत और पूरक दस्तावेजों, जिन्हें कोडिसिल के रूप में जाना जाता है, के निर्माण और रद्द करने के लिए एक व्यवस्थित ढांचा स्थापित किया जाएगा.

सरकार का मानना है कि यूसीसी सभी धर्मों का सम्मान करते हुए बनाया गया है और यह सभी नागरिकों के हित में है। सरकार का मानना है कि यूसीसी परिवारिक मूल्यों को मजबूत करेगा और समाज में सद्भाव लाएगा। हालांकि सरकार के सामने यूसीसी लागू करने में कुछ चुनौतियां आ सकती हैं, जैसे कि लोगों को नए कानूनों के बारे में जागरूक करना और पुराने रीति-रिवाजों को बदलना।

इसे भी पढ़ें:-https://indiapostnews.com/mahakumbh-kinner-akhada/