Varun Gandhi Letter: भाजपा नेता वरुण गांधी ने गुरुवार को पीलीभीत की जनता को एक खत लिखा है। वरुण गांधी ने एक पर पोस्ट किए गए पत्र में लिखा है कि भले ही उन्हें कोई भी कीमत चुकानी पड़े आपकी सेवा करता रहूंगा।
Varun Gandhi Letter
Varun Gandhi Letter: आपको बता दें कि भाजपा ने इस बार पीलीभीत से वरुण गांधी को टिकट नहीं दिया है। बीजेपी ने उनकी जगह जितेन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। पीलीभीत में पहले चरण के तहत वोटिंग होनी है। यहां 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। बुधवार को नामांकन का आखिरी दिन था। यह प्रक्रिया खत्म होने के बाद यह साफ हो गया है कि वरुण गांधी पीलीभीत से निर्दलीय भी चुनाव नहीं लड़ेंगे। दरअसल बीजेपी से टिकट कटने क कई कयास लग रहे थे।
वरुण गांधी ने पत्र की शुरुआत बड़े ही भावुक तरीके से की है वरुण गांधी ने लिखा है कि आज जब मैं यह पत्र लिख रहा हूं तो अनगिनत यादों ने मुझे भाव कर दिया ।मुझे वह 3 साल का छोटा सा बच्चा याद आ रहा है जो अपनी मां की उंगली पड़कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था उसे कहां पता था कि एक दिन यह धरती उसकी कर्मभूमि और यहां के लोग उसका परिवार बन जाएंगे।
उन्होंने आगे देखा कि मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे सालों पीलीभीत की महान जनता की सेवा करने का मौका मिला मैं आज एक सांसद के तौर पर नहीं बल्कि एक व्यक्ति के तौर पर भी मेरी परवरिश और मेरे विकास में पीलीभीत से मिले आदर्श सरलता सरलता का बड़ा योगदान है।
पीलीभीत से सांसद रहने को वरुण गांधी ने खुद के जीवन का सबसे बड़ा सम्मान बताया। उन्होंने कहा कि आपका प्रतिनिधि होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है और मैं हमेशा अपनी पूरी क्षमता से आपके हितों के लिए आवाज उठाई है एक सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले समाप्त हो रहा हो पर पीलीभीत से मेरा रिश्ता आखिरी सांस तक खत्म नहीं हो सकता।
वरुण गांधी ने आगे लिखा है कि संसद के रूप में नहीं तो बेटे के रूप में ही सही, मैं आजीवन आपकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध हूं और मेरे दरवाजे आपके लिए सदैव खुले रहेंगे। मैं राजनीति में आम आदमी की आवाज उठाने आया था और आज आपसे आशीर्वाद मांगता हूं कि सदैव या कार्य करता रहूंगा भले ही इसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़े।
गौरतलब है कि वरुण गांधी ने पहली बार पीलीभीत से 2009 में चुनाव लड़े थे इससे पहले भी इस सीट पर उनकी मां मेनका गांधी के चुनाव प्रचार का जुम्मा संभालते थे साल 2014 में बीजेपी ने सुल्तानपुर से उम्मीदवार बनाया लेकिन 2019 में चुनाव में पीलीभीत वापस आए और सांसद बने इस बार भी वह इसी सीट से टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी आलाकमान ने उनका टिकट काटकर जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है।
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