बिहार से दिल्ली तक दरभंगा एम्स का मुद्दा गरमाया हुआ है। सुबह के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से लेकर देश के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया तक इस मुद्दे को लेकर ट्विटर पर भिड़े हुए हैं। कई दावे हैं जिनमें सामने वाले पक्ष पर हमला किया जा रहा है तो पलटवार भी हो रहा है। लेकिन पूरा मामला क्या है इसकी शुरुआत कहां से हुई है आईए जानते हैं-
शुरुआत होती है शनिवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पंचायती राज्य परिषद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। अपने चिर परिचित अंदाज में वह विपक्ष पर हमले बोलते हुए केंद्र सरकार की उपलब्धियां की गिनवा रहे थे। इसी दौरान उन्होंने पूर्वी भारत में तेज गति से हो रहे विकास का हवाला दिया।
पीएम ने कहा कि बेटा स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए असम के गुवाहाटी से लेकर पश्चिम बंगाल के कल्याण भी तक झारखंड के देवघर से लेकर बिहार में दरभंगा तक इस प्लानिंग के साथ नए-नए एम्स खोले गए ताकि लोगों को इलाज के लिए सैकड़ों किलोमीटर दूर ना जाना पड़े । बस यही से आगाज होता है इस विवाद का।
गौरतलब है कि बिहार के दरभंगा में एम्स खोला नहीं गया है बल्कि यह प्रस्तावित है केंद्रीय कैबिनेट से दरभंगा में एम्स बनाने के फैसले को 2020 में ही मंजूरी मिल गई थी लेकिन अभी इस मामले में से पत्राचार ही हो पाया है । जमीन का आवंटन अभी तक नहीं हुआ है। ऐसे में जैसे ही प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में दरभंगा एम्स बन जाने की बात कही तो बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जिनके पास स्वास्थ्य मंत्रालय भी है वह हमलावर हो गए।
तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा कि दरभंगा में एम्स खुलवाने को प्रधानमंत्री ने जो कहा वह सरासर झूठ है इसी के साथ उन्होंने पीएम से अपील करते हुए कहा कि वह पहले इस बारे में जानकारी ले लें और तभी कुछ बोले । इस अपील के बाद तेजस्वी ने बताया कि दरभंगा में अभी कोई एम्स नहीं खोला गया है।
मनसुख मांडवीया ने सफाई से शुरुआत की और कहा की मोदी सरकार विकास में सियासत नहीं करती बल्कि विकास की राजनीति करती है अपनी नीयत को साफ बताते हुए मांडवीया ने बताया 19 सितंबर 2020 को मोदी सरकार ने दरभंगा एम्स को अनुमति दे दी थी और फिर बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पहले जमीन इसके लिए दी इसके बाद 2023 को भारत सरकार ने एम्स के लिए उपलब्ध कराई गई दूसरी जमीन को निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं बताते हुए पत्र लिखा था।
इसके साथ ही मनसुख मंडपिया ने अपनी ट्वीट के साथ वह पत्र भी साझा किया और साथ में तेजस्वी पर सवाल भी दागा आप बताइए कि जमीन को क्यों और किस के हित के लिए बदला गया सवाल के साथ मंडाविया ने तेजस्वी को एक सलाह दी कि राजनीति से बाहर आया और उनसे बनाने के लिए तत्काल उचित जमीन दे।