लखनऊ। आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। 30 करोड़ 51 लाख से अधिक कोविड टीके की डोज लगाने और 10 करोड़ 93 लाख से अधिक सैम्पल की जांच करने वाला एकमात्र राज्य उत्तर प्रदेश है। 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 289 कोविड मरीज उपचाराधीन हैं। अन्य राज्यों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश की स्थिति बहुत संतोषप्रद है।
प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के हर नागरिक को टीका लग चुका है। 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को बूस्टर डोज दिए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रदेश में लगभग 700 निजी टीकाकरण केंद्रों पर बूस्टर डोज लगाए जा रहे हैं। सभी पात्र जन बूस्टर डोज अवश्य लगवाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी नियत शुल्क से अधिक की वसूली न हो।
85% से अधिक पात्र वयस्क टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। 15-17 आयु वर्ग के लगभग 93℅ किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है और 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों में से 25 लाख बच्चों को टीकाकवर मिल चुका है। इसे सतत जारी रखा जाए। 12-14 आयु वर्ग का टीकाकरण तेज किया जाए।
विगत 24 घंटों में 90 हजार 250 कोरोना टेस्ट किए गए, जिसमें मात्र 37 नए कोरोना पॉजिविट पाए गए। इसी अवधि में 36 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। नोएडा-गाजियाबाद में 25 नए केस मिले हैं, ऐसे में दिल्ली के।आसपास के क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जाए।
प्रदेश में नेशनल सेंटर फॉर डिज़ीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की शाखा खोली जानी चाहिए। इस संबंध में राज्य सरकार निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराएगी। भारत सरकार के सहयोग से आवश्यक कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाएं।
प्रदेश में संचारी रोग अभियान प्रभावी रूप से संचालित हो रहा है। शीघ्र ही दस्तक अभियान भी प्रारंभ होगा। 10 अप्रैल से साप्ताहिक मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेलों की शुरुआत भी हो चुकी है। संचारी रोग व दस्तक अभियान को जन आरोग्य मेलों से जोड़ा जाए, ताकि अधिकाधिक लोग लाभान्वित हो सकें।
नर्सिंग सेवा स्वास्थ्य सुविधाओं की रीढ़ है। इस क्रम में प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों में शिक्षण-प्रशिक्षण का सुव्यवस्थित होना आवश्यक है। कतिपय क्षेत्रों से बगैर मान्यता के नर्सिंग कॉलेजों के संचालन की सूचना प्राप्त हुई है। इनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।
प्रदेश के सभी 75 जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के क्रम में 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोले जाने हैं। विगत दिनों संभल और महराजगंज जनपद में पीपीपी मॉडल के संबंध में एमओयू भी हो चुका है। शेष जनपदों में कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए। प्राचार्यो की नियुक्ति में कार्यकुशलता, कर्मठता, विजन और योग्यता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
जनपद बलरामपुर में केजीएमयू के सैटेलाइट सेंटर की स्थापना की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाया जाए।
कोरोना के दौरान देश के कुछ राज्यों में अस्पतालों में आग लगने की दुःखद घटना घटी। यह हमारी चाक-चौबंद व्यवस्थाओं का ही परिणाम था कि प्रदेश में ऐसी दुर्घटना नहीं हुई। एक बार पुनः प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों/अस्पतालों में फायर सेफ्टी की व्यवस्था की भौतिक समीक्षा की जाए। जहां कमी/गड़बड़ी हो, वहां तत्काल व्यवस्था ठीक की जाए। यह काम अभियान के रूप में तत्काल किया जाना चाहिए।
प्रदेश को अतिशीघ्र बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का नया उपहार मिलने जा रहा है। इसके उद्घाटन कार्यक्रम के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली जाएं। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के काम में तेजी लाए जाने की अपेक्षा है।
युवाओं को डिजिटल शक्ति प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार छात्र-छात्राओं को टैबलेट/स्मार्टफोन उपलब्ध कराया जा रहा है। वितरण का यह कार्यक्रम स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में हो। टैबलेट/स्मार्टफोन के बेहतर प्रयोग के लिए आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था भी कराई जानी चाहिए।
प्रदेश में गेहूं खरीद की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी गेहूं क्रय केंद्रों पर व्यवस्था सुचारु बनी रहे। जिलाधिकारी स्वयं क्रय केंद्रों का निरीक्षण करें। जिलों में नोडल अधिकारी एक्टिव रहें। किसानों को भुगतान में देरी न हो।
आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में प्रदेश के सभी विकास खंडों में विशेष स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया जाए। 18 से 23 अप्रैल की अवधि में आयोजित इन मेलों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति भी रहे।
आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में सभी 75 जनपदों में 75-75 तालाबों की खुदाई/पुनरोद्धार कराया जाए। इससे भूमिगत जल रीचार्ज और बेहतर हो सकेगा। तालाबों का चिन्हीकरण शीघ्रता से करते हुए इस संबंध में कार्रवाई शुरू कर दी जाए।
शासकीय कार्यालयों में अनुशासन का माहौल बना रहना आवश्यक है। सभी अधिकारी/कर्मचारी समय से कार्यालय आएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि भोजनावकाश आधा घंटे से अधिक न हो। भोजनावकाश पूरा होने के बाद सभी कार्मिक पुनः अपने कार्यस्थल पर उपस्थित रहें।
शुचिता और पारदर्शिता के दृष्टिगत यह सुनिश्चित कराया जाए कि पीडब्ल्यूडी/आरईएस आदि विभागों में विभिन्न परियोजनाओं के लिए डीपीआर तैयार करने वाली संस्था परियोजना के क्रियान्वयन/निर्माण आदि के लिए होने वाली टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लें। इस संबंध में स्पष्ट व्यवस्था लागू की जाए।
कोरोना महामारी के दौरान अस्पतालों में कार्य करने वाले कार्मिकों की सेवाभावना प्रेरणास्पद है। अस्थायी तौर पर नियुक्त किये गए ऐसे कार्मिकों के भविष्य की सुरक्षा के दृष्टिगत उचित प्रबंध किए जाएं।
मुफ्त खाद्यान्न वितरण का कार्य सुचारु रूप से जारी रखा जाए। एक भी पात्र परिवार राशन से वंचित न रहे।
स्रोत- सूचना विभाग, यूपी सरकार