मसूरी में 144 करोड़ रुपए की पेयजल योजना लगातार विवादों के घेरे में, मसूरी पालिका सभासद ने पेयजल विभाग और ठेकेदार के खिलाफ खोला मोर्चा

मसूरी, उत्तराखंड। पहाड़ों की रानी मसूरी में 144 करोड रुपए की पेयजल योजना लगातार विवादों को जन्म दे रही है। वहीं अव्यवस्थाओं का आलम इस कदर है कि लोग काफी परेशान हैं। लोगों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ जल निगम के अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ भारी आक्रोश पनप रहा है । मसूरी में 144 करोड रुपए की पेयजल योजना के तहत अव्यवस्थित तरीके से हो रहे काम को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों में भारी आक्रोश है ऐसे में सभासद जसवीर कौर ने अपने क्षेत्र में जल निगम के द्वारा पेयजल लाइनों को डालने के लिये खोदी जा रही सड़क का कार्य को रुकवाया। वहीं उनकी मौके पर मौजूद ठेकेदार के कर्मचारियों के साथ तीखी नौक झौक भी हुई।

उनका कहना है कि पेयजल लाइने डालने का कार्य अनियोजित तरीके से किया जा रहा है। उनका क्षेत्र में सर्कुलर रोड को पेयजल लाइनों को डालकर सडक की मरम्मत नही की गई है जिससे लोगों को आवाजाही में खासी दिक्कत हो रही है। वहीं गंभीर रूप से बीमार लोगों को अस्पताल ले जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । सभासद जसवीर कौर ने कहा कि मसूरी में 144 करोड रुपए की योजना से पेयजल लाइनें डाली जा रही है जिसका काम आर के इंजीनियर को दिया गया है। परंतु ना तो आर के इंजीनियर के अधिकारी साइट पर है और ना ही जल निगम के अधिकारी मौके का मुआयना कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मसूरी पेयजल योजना लोगों के लिए अभिशाप बन गई है। हाल में ही एसडीएम मसूरी द्वारा जल निगम के अधिकारियों और ठेकेदार को खोदी हुई सड़कों को पहले निर्माण करने के निर्देश दिए गए तब तक सभी खुदाई के काम पर रोक लगा दी गई थी परंतु ठेकेदार एसडीएम के निर्देशों को सुनने को तैयार नहीं है और ना ही पेयजल अधिकारी एसडीएम के निर्देशों का संज्ञान ले रहे हैं जिससे प्रतीत हो रहा है कि बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है भ्रष्टाचार बड़े से लेकर छोटे स्तर पर हुआ है और इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि वह अपने क्षेत्र में तब तक सड़क को खोदने नहीं देंगी जब तक पुरानी खूदी हुई सड़कों का निर्माण नहीं हो जाता। सभासद प्रताप पवार और दर्शन रावत ने कहा कि नगर पालिका द्वारा अपर सचिव पेयजल एवं स्वच्छता विभाग उत्तराखंड शासन के द्वारा नगर पालिका को जारी पत्र के तहत अनुमति दी गई थी परंतु जिस तरीके से मसूरी में अनियोजित तरीके से काम किया जा रहा है उससे जनता को भारी परेशानी हो रही है । उन्होने कहा कि अगर ठेकेदार और जल निगम के अधिकारियों ने अपनी कार्यप्रणाली और नियोजित तरीके से पेयजल लाइनें डालकर सड़कों की मरम्मत नहीं की तो वह जल्द बोर्ड बैठक बुलाकर नगर पालिका परिषद से जारी अनुमति को निरस्त करने की कार्यवाही को अमल में लाई जायेगी।

उन्होंने कहा कि मसूरी में पूर्व में सिवरेज परियोजना के तहत करीब 70 लाख रुपए से सिवरेज लाइन डाली गई थी जिसका का आज तक पूरा नहीं हो पाया है वह कई एसटीपी प्लांट तैयार नहीं हुए हैं। मसूरी पेयजल योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने जा रही है उन्होंने कहा कि जिस अनियोजित तरीके से वह बिना टेस्टिंग के लाइनें डाली जा रही है आने वाले भविष्य में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने उच्च अधिकारियों से मांग की है कि पूरे मामले का संज्ञान लेकर मसूरी में पेयजल लाइनों को डालने के कार्य की जांच करने के निर्देश दिए गए जिससे कि भविष्य में लोगों को दिक्कत ना हो।

रिपोर्ट- सुनील सोनकर

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