देवस्थानम बोर्ड हुआ भंग, साधु सन्तों के गुस्से के आगे झुकी उत्तराखंड सरकार

देहरादून। पुष्कर सिंह धामी सरकार ने आखिरकार उत्तराखंड चारधाम देवास्थानम प्रबंधन बोर्ड को मंगलवार को भंग कर दिया। सरकार ने इससे संबंधित अधिनियम को वापस लेने का फैसला किया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम देवास्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग करने की घोषणा की। देवास्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर तीर्थ पूरोहितों और हक हकूकधारियों की नाराजगी को देखते हुए धामी सरकार ने पहले हीं इस अधिनियम को वापस लेने के संकेत दे दिये थे।

भाजपा की त्रिवेन्द्र सिंह रात की सरकार ने 9 दिसम्बर 2019 को उत्तराखंड चारधाम देवास्थानम विधेयक विधानसभा में पारित कराया था। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन गया था। सरकार ने 25 फरवरी 2020 को इसकी अधिसूचना जारी कर बोर्ड का गठन कर दिया था। बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री और धर्मस्व और संस्कृति मंत्री इसके उपाध्यक्ष बनाये गये थे। देवास्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर तीर्थ पूरोहितों और हक हकूकधारियों के अलावा उत्तराखंड कांग्रेस भी इसे वापस लेने की मांग कर रही थी।

उत्तराखंड चारधाम देवास्थानम अधिनियम को वापस लेने के लिये राज्य सरकार विधानसभा में जल्द विधेयक पेश करेगी। आगामी विधानसभा का सत्र 9-10 दिसम्बर से शुरु होने वाला है। आशा है कि इसी शीतकालीन सत्र में चारधाम देवास्थानम अधिनियम को वापस ले लिया जायेगा।

रिपोर्टर-धर्मेन्द्र सिंह