संसदीय मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति ने संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक आयोजित करने की सिफारिश की है।
गौरतलब है कि पिछले डेढ़ साल में हुए संसद सत्र कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आयोजित किया गया था।
जानकारी के मुताबिक संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही साथ चलेगी और सभी सांसदों को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा। यह सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्यूँकि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वालें है।
महंगाई ,ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी ,खाद्य तेल की कीमतों में वृद्धि ,कश्मीर में लोगों पर आतंकवादियों के हमले ,लखीमपुर खीरी हिंसा मामला ,केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन मुद्दे शामिल है।
दरअसल संसद का मॉनसून सत्र विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया था जिसमें विपक्ष द्वारा सरकार से पेगासस जासूसी मुद्दे पर जवाब मांगा था और तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग शामिल थी ।विपक्ष आगामी शीतक़ालीन सत्र के दौरान सरकार को फिर से इन सभी मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है ।