मसूरी, उत्तराखंड। पहाड़ों की रानी मसूरी के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल मसूरी झील का हाल बदहाल है। मसूरी झील के आसपास तमाम भर की गंदगी का अंबार लगा हुआ है। वहीं झील का पानी भी काफी गंदा हो गया है जिसमें विभिन्न प्रकार के कीटाणु पनप रहे हैं। जिससे देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के स्वास्थ्य को भारी नुकसान हो सकता है। बता दें कि र्प्यटन स्थल मसूरी झील का रखरखाव की जिम्मेदारी नगर पालिका परिषद के साथ झील का ठेकेदार की है। परंतु ना तो झील की साफ सफाई और आसपास पसरी गंदगी को लेकर ठेकेदार ध्यान दे रहा है और ना ही नगर पालिका प्रशासन। जिससे स्थानीय लोगो के साथ र्प्यटकों में भी भारी आक्रोश व्याप्त है।
बता दें कि मसूरी झील में रोज सैकड़ों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं परंतु मसूरी झील में व्याप्त गंदगी और झील का गंदे के साथ बदबू से लोगो का हाल बेहाल है। स्थानीय जनप्रतिनिधि राकेश रावत ने बताया कि नगर पालिका द्वारा हर साल झील की सफाई की जानी चाहिए थी। परंतु दुर्भाग्यवश पिछले 4 से 5 सालों से झील की सफाई नहीं हुई है। जिससे पानी के साथ झील में गंदगी का अंबार लगा हुआ है पानी काला हो चुका है और अब बदबू भी आने लगी है।
उन्होंने बताया कि झील में वोटिंग करते हुए पर्यटक झील का आनंद लेते हैं। वहीं कई बार झील का पानी भी पी लेते हैं जिससे उनको गंभीर बीमारी होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि झील और आसपास की सफाई लगातार होनी चाहिए और ऐसे में नगर पालिका प्रशासन के साथ ठेकेदार को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए। स्थानीय लोगों ने बताया कि मसूरी नगर पालिका स्वच्छता सर्वेक्षण में पहले स्थान आने की बात कर रही है। परंतु ऐतिहासिक पर्यटक स्थल मसूरी झील के साथ कई क्षेत्रों में गंदगी का अंबार देखा देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका प्रशासन और साफ सफाई कर रही संस्थाएं इस ओर ध्यान नहीं दे रही हैं। उन्होंने कहा कि कुछ संस्थाएं स्वच्छता के बारे में बड़ी-बड़ी बातें कर रही हैं परंतु धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है।
रिपोर्ट- सुनील सोनकर