मसूरी, उत्तराखंड। मसूरी में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी मसूरी की समस्या को लेकर एक्शन मोड में नजर आये। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी द्वारा मसूरी यमुना पेयजल योजना के तहत मसूरी में पेयजल लाइन डालने के बाद सड़कों की क्षतिग्रस्त हालत को देखने को लेकर सड़कों का निरीक्षण कर जल निगम के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई वह जल्द मालरोड के साथ सभी सम्पर्क मार्गो को ठीक करने के निर्देश दिये गए। उन्होंने जल निगम के अधिशासी अभियंता की लापरवाही को लेकर एमडी जल निगम को कार्यवाही करने के निर्देश दिये। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने उप जिला चिकित्सालय के द्वारा मसूरी सेंट मैरी अस्पताल में आउटडोर में चलाई जा रही ओपीडी का औचक निरीक्षण किया गया जहा ओपीडी बंद होने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने एसडीएम मसूरी नरेश दुर्गापाल को ओपीडी में तैनात डॉक्टर की 1 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए वहीं उप जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ यतेंद्र को निर्देश दिया कि 7 अप्रैल से पहले अस्पताल में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि 7 अप्रैल को प्रदेश के मुख्यमंत्री अस्पताल का निरीक्षण कर अस्पताल में लगने वाली सीटी स्कैन मशीन का शुभारंभ भी करेंगे।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को सभी सड़कों को आपस में सामंजस्य बना कर दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए। वहीं सड़कों पर पड़े मलबे और निर्माण सामग्री को भी हटाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को मसूरी में अनाधिकृत रूप से हो रहे निर्माण को लेकर फटकार लगाई उन्होंने सभी अनाधिकृत रूप से हो रहे निर्माण पर ठोस कार्रवाई करने के साथ घ्वस्तीकरण की कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मसूरी में अनियोजित तरीके से लोग निर्माण कर रहे हैं जिसके लिये उन्होने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के अधिकारी को जिम्मेदार हैं ।
उन्होंने गढ़वाल जल संस्थान के अधिकारियों को भी जल निगम के अधिकारियों के साथ समाजस्य बनाकर मसूरी में पर्यटन सीजन में पेयजल की किसी प्रकार की दिक्कत ना हो इस को लेकर सभी काम को पूरा करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने मसूरी वन विभाग को मसूरी में काफी समय से लंबित प्राइवेट स्टेट के नोटिफाइड और डि-नोटिफाइड के कार्यों को भी जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए। इस मौके पर विजय रमोला द्वारा वन विभाग पर आरोप लगाया गया कि वन विभाग बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम देकर बड़े भू माफियाओं के स्टेट को डिनोटिफाइड कर रहा है जबकि छोटे-छोटे स्टेट को नोटिफाइड में रखा गया है जो कि गलत है उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की है।
रिपोर्ट- सुनील सोनकर