18 जुलाई से मलमास की शुरुआत हो चुकी है जिसकी समाप्ति 16 अगस्त 2023 को होगी। मलमास को पुरुषोत्तम मास यानी कि अधिक मास भी कहा जाता है । इस साल मलमास सावन के महीने में लगा है जिससे सावन की अवधि 59 दिनों तक मान्य होगी।
इन चीजों का ना करें सेवन:
मलमास लगते ही राई चौराई शहद प्याज लहसुन उड़द गोभी गाजर मूली दाल और नागरमोथा जैसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए मान्यता है कि इन चीजों का सेवन ना सिर्फ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है बल्कि इससे आपके पूर्ण कर भी समाप्त हो जाते हैं।
बुरे विचारों से रहे दूर:
मलमास में बुरे काम बुरे विचारों से दूर रहें मन में किसी के लिए भी बुरे विचार ना लाएं जितना हो सके अधिक से अधिक भगवान का स्मरण करें।
यह शुभ मांगलिक कार्य न करें:
हिंदू धर्म में मलमास का महत्वपूर्ण माना जाता है लेकिन शुभ मांगलिक कार्यों के लिए यह समय अनुकूल नहीं है मलमास के दौरान मुंडन विभाग गृह प्रवेश नया घर खरीदना नामकरण आदि जैसे काम वर्जित है।
तुलसी से जुड़ी गलतियां ना करें:
मलमास का महीना भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होता है और तुलसी भगवान विष्णु को अब फ्री हैं तो उसी के बिना विष्णु जी की पूजा अधूरी मानी जाती है इसलिए मल मास में तुलसी से जुड़ी कोई भी गलती ना करें।
ऐसे भोजन का करे त्याग :
मलमास का महीना भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है मलमास को पूजा-पाठ व्रत उपवास के लिए बहुत खास माना जाता है इसलिए इस महीने में तामसिक भोजन का त्याग करना चाहिए मलमास में प्याज लहसुन मांस मछली शराब जैसी चीजों का सेवन ना करें।
नया काम ना करें शुरू :
मलमास का समय शुभ काम के लिए उचित नहीं माना जाता है इसलिए इस समय कोई भी नया कर काम नया कारोबार शुरू नहीं करें इससे हानि हो सकती है मल मास के महीने में देर तक ना सोए।
मलमास में दान करना बहुत अच्छा माना जाता है से भगवान की कृपा प्राप्त होती है इस समय आप अन्य अकेला पीले वस्त्र किताब नारियल और दीप दान कर सकते हैं ।इसके अलावा मलमास में आप पूजा-पाठ व्रत कर सकते हैं, लेकिन इस समय किसी ने व्रत की शुरुआत नहीं करनी चाहिए ना ही किसी व्रत का उद्यापन करें लेकिन आप जो व्रत पहले से कर रहे हैं उसे कर सकते हैं।