उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पूरे राज्य में राष्ट्रीय राज्य मार्ग को के किनारे मौजूद सरकारी और वन भूमि से अतिक्रमण हटाए जाने के आदेश दिए हैं ।
कोर्ट ने सभी जिलाधिकारियों और प्रभागीय वन अधिकारियों को 4 सप्ताह के भीतर आदेश के संबंध में अपनी अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने यह आदेश बुधवार को दिया। दिल्ली निवासी प्रभात गांधी द्वारा नैनीताल जिले में खुटानी मोड़ से लेकर पदमपुरी तक अतिक्रमण के कारण राजमार्ग की खराब स्थिति के संबंध में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र का स्वत संज्ञान लेते हुए पीठ ने आदेश जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि खुटानी और पदमपुरी में राजमार्ग के साथ सरकारी और बम भूमि वन भूमि पर अतिक्रमण कर वाणिज्यिक प्रतिष्ठान दुकानें और यहां तक कि मंदिर भी बना दिए गए हैं
कोर्ट ने जिलाधिकारियों और अधिकारियों को ना केवल सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने बल्कि उसके सही तरीके से जांच करने को कहा है कोर्ट ने 4 सप्ताह के अंदर अनुपालन रिपोर्ट भी दाखिल करने का आदेश दिया है। मामले में सुनवाई की अगली तारीख 5 सितंबर तय की गई है उत्तराखंड हाई कोर्ट का आदेश आने से पहले ही जिला प्रशासन ने विभिन्न स्थानों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी थी।
जी-20 बैठक के दौरान उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर से नैनीताल जिले के रामनगर तक सड़कों के किनारे फुटपाथ पर सभी प्रकार के अतिक्रमण हटा दिए गए थे हालांकि बुधवार को हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान और तेज हो सकता है