आजकल किसी भी उम्र में घुटने कमजोर होते हैं लेकिन अब लोग कम उम्र में ही जोड़ों के दर्द से परेशान होते हुए दिखाई दे रहे हैं स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल गठिया के एक करोड़ से ज्यादा के सामने आ रहे हैं घुटने खराब करने में मोटापा इंजरी शुगर जैसी कई बीमारियों का महत्वपूर्ण रोल है लेकिन सबसे बड़ी वजह है अर्थराइटिस ऐसे में इस बीमारी से सावधान रहने की जरूरत है जब जोड़ों के बीच का तेल खत्म हो जाता है और हड्डी आपस में रगड़ खाने लगती है तो उनसे खुल जाती है इस वजह से घुटनों में तेज दर्द शुरू हो जाता है और तकलीफ होती है अर्थराइटिस की समस्या देश में की हालत इसलिए है क्योंकि लोगों का लाइफ स्टाइल काफी खराब है गलत पोस्ट में बैठने उल्टा सीधा खाने पीने योग्य वर्कआउट न करने पॉल्यूशन में लोगों की हड्डियां कमजोर हो रही है ऐसे में अर्थराइटिस की शुरुआती लक्षण अगर आप पहचान जाए तो उसे जल्दी ठीक कर सकते हैं।
आप अर्थराइटिस की समस्या से परेशान है तो सबसे पहले अपनी डाइट का ख्याल रखें बाहर न खाएं ठंडी चीज ना खाएं चाहे कॉफी ना ले टमाटर ना खाएं शुगर कम खाएं तेल खाने से बच्चे वजन को भी कंट्रोल करें ग्लूटेन फूड का सेवन न करें अल्कोहल का सेवन न करें प्रोसेस्ड फूड खाने से बच्चे और साथ ही चीनी और नमक भी कम खाएं
अर्थराइटिस से बचने के लिए अपने खाने में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाएं रोजाना एक कप दूध जरूर पिए लौकी के जूस को अपनी डाइट में शामिल करें सब का सिरका पिए गुनगुने पानी में दालचीनी शहद पीने से आपकी कमजोरी हड्डियां मजबूत होगी इसके साथ बादाम अखरोट पिस्ता जैसे ड्राई फ्रूट्स का भी सेवन करें।
यूरिक एसिड बढ़ने पर अर्थराइटिस की समस्या बढ़ती है इसलिए यूरिक एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन न करें खाना बनाने के लिए ओलिव ऑयल का इस्तेमाल करें या शरीर के लिए फायदेमंद है इसमें विटामिन ई की भरपूर मात्रा होती है जी यूरिक एसिड के स्तर को काम करता है और वजन भी बढ़ने नहीं देता है