BJP Campaign With AI: लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा का कंपैन जारी है।प्रचार की कमान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीं ने सभाल रखी है। ऐसे में लोगो तक खासकर , दक्षिण के लोगो तक अपनी बात तरीक़े से पहुचाने बीजेपी प्रधानमंत्री की सभाओं में AI का इस्तेमाल कर रही है।
BJP Campaign With AI
BJP Campaign With AI: प्रधानमंत्री एक बार देश के हर कोने में धुंआधार चुनाव प्रचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री हिंदी भाषी क्षेत्रों के अलावा दक्षिण के राज्यों पर भी फोकस कर रहे हैं। इस बार दक्षिण के राज्यों में प्रधानमंत्री को सुनने के लिये जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है। दक्षिण के राज्यों में प्रधानमंत्री का भाषण, लोगो तक ठीक से पहुचे , इसके लिए भाजपा पहली बार चुनाव प्रचार में तकनीक का सहारा ले रही है। चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों को बांग्ला, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, पंजाबी, उडिय़ा , मराठी और मलयालम भाषाओं में प्रसारित किया जा रहा है। इसके लिये AI का सहारा लिया गया है, और तत्काल ही प्रधानमंत्री के भाषण का डबिंग एआइ के जरिए हो रही है ,मतलब प्रधानमंत्री बोल रहे हैं हिंदी में , लेकिन इसका प्रसारन हो रहा है क्षेत्रीय भाषाओं में।
जाहिर है बुद्धिमत्ता (AI) के बढ़ते प्रभाव का असर लोकसभा चुनाव में भी नजर आ रहा है। इस रणनीति के तहत चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों को दस भाषाओं में प्रसारित किया जा रहा है। इसकी डबिंग एआइ के जरिए हो रही है। लोगो तक सही तरीके से प्रधानमंत्री की बात की पहुँच हो इसके लिए भाजपा ने बांग्ला, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, पंजाबी, उडिय़ा , मराठी और मलयालम भाषाओं में अकाउंट बना लिए हैं। भाजपा का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टेक्नालॉजी का बेहतर इस्तेमाल जानते हैं , इसलिए इसका बेहतर इस्तेमाल कर पाते हैं।
मोदी के भाषणों का एआइ के जरिए दूसरी भाषाओं में अनुवाद नई बात नहीं है। पिछले साल 18 दिसंबर को काशी में उनके भाषण का एआइ के जरिए तमिल में अनुवाद किया गया था। जब वह हिंदी में बोल रहे थे, एआइ से तमिल में उनके भाषण का अनुवाद किया जा रहा था। इस नए प्रयोग पर मोदी ने कहा था, उम्मीद है कि इससे मेरे लिए आप लोगों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। तब नमो घाट पर मौजूद तमिलनाडु के 1400 लोगों ने एआइ के जरिए तमिल में उनका भाषण सुना था। तभी संकेत मिल गया था कि लोकसभा चुनाव में इसका इस्तेमाल भाजपा करेगी।अब प्रधानमंत्री के दक्षिण और गैर हिंदी राज्यो के रैलियों में इस तकनीक का जमकर इस्तेमाल हो रहा है। भाजपा को उम्मीद है कि इस तकनीक से , आम जनता को अपने पक्ष में किया जा सकेगा।
इसे भी पढ़े:-Chanakya Niti: आचार्य़ चाणक्य के ये बाते अपनाकर बन सकते है सफल
Reported/ Kamlesh Singh / Senior Journalist