चाणक्य की 10 बातें सफलता के लिए कर लीजिए याद

Chanakya Niti

Chanakya Niti: यदि आप जीवन में सफल होना चाहते हैं तो आपको चाणक्य की 10 बातों को याद कर लेना चाहिए। यदि इनमें से आपने कुछ पर भी अमल लिया होगा तो शर्तिया आपको सफलता मिलेगी। क्योंकि आचार्य चाणक्य नीति आज भी प्रासंगिक है और वर्तमान युग में यह ज्यादा पढ़ी जाती है।

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Chanakya Niti: साहस – चाणक्य का मानना है कि जीवन में वही व्यक्ति सफल होता है जिसमें साहस है। साहस के साथ आगे बढ़ाने की जरूरत होती है आपके भीतर का दर जहां आपकी प्रतिभा को नष्ट कर देता है वही वह जीवन को भी नष्ट कर देता है या व्यक्ति को लक्ष्य से भी भटकाता है।

लक्ष्य – साहस के साथ आपके लक्ष्य भी निर्धारित रहने चाहिए और लक्ष्य को बदलना नहीं चाहिए बार-बार लक्ष्य को बदलने वाले व्यक्ति जीवन में असफल हो जाते है।

लक्ष्य पर कार्य करना जरूरी– कई लोग जिनके लक्ष्य तो निर्धारित होते हैं लेकिन वह उसकी ओर बढ़ने या कदम बढ़ाने के बारे में नहीं सोचते चाणक्य कहते हैं कि आप जब तक अपने लक्ष्य की ओर कदम नहीं बढ़ते तब तक लक्ष्य भी सोया रहेगा।

अध्ययन के प्रति जुनून– आपको यदि सफलता पाना है तो कोर्स की किताबों के अलावा हर तरह की किताबों का अध्ययन करना चाहिए चाणक्य कहते हैं कि ज्ञान ही आपका सच्चा सहयोगी और मददगार है।

संपर्क और संबंधों का विस्तार– संपर्क और पर्सनल संबंधों का विस्तार ही आपको लोकप्रिय बनता है वही समय पड़ने पर आपका काम भी आते हैं चाणक्य ने अपने संपर्क और संबंध के आधार पर ही मगध के साम्राज्य को ध्वस्त किया था।

किसी काम को छोटा ना समझे– चाणक्य कहते हैं कि कभी भी किसी काम को छोटा नहीं समझना चाहिए हर व्यक्ति या आपके लिए महत्वपूर्ण होना चाहिए।

टीमवर्क– चाणक्य के खुद की एक टीम बनाकर बाद में भील आदिवासी वनवासियों को मिलाकर एक सी तैयार की और सभी ने टीम बनाकर कार्य किया और धननंद के साम्राज्य को उखाड़ फेंक कर चंद्रगुप्त को मगध का साम्राज्य सम्राट बना दिया। कोई भी व्यक्ति अकेला जरूर चलता है परंतु वह अकेला लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकता ।

श्रेय देना भी सीखें – यह बात आप हमेशा ध्यान रखें कि आपकी सफलता सिर्फ आपकी सफलता नहीं इसमें कई लोगों का योगदान रहता है जिसे भूलना नहीं चाहिए।

हार ना माने– चाणक्य का कहना है कि जब तक आप लक्ष्य तय कर ले उसे पर डटे रहे हैं हर नहीं माने व्यक्ति को हर तब तक नहीं माननी चाहिए जब तक उसे मंजिल नहीं मिल जाए।

क्रोध न करें विनम्र बने रहे – चाणक्य के मुताबिक क्रोध का भी उपयोग करते याद होना चाहिए यदि आपका स्वभाव क्रोध करते रहने का है तो असफलता के लिए तैयार रहे हैं इसलिए क्रोध न करें हमेशा विनम्र बनकर ही किसी के साथ व्यवहार करें।

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