इकरा हसन ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भरा नामांकन, कहा- पलायन बीजेपी का प्रोपेगेंडा

कैराना: यूपी का कैराना विधानसभा सीट अपने आप में एक दिलचस्प लड़ाई बनती जा रही है। जहां पर चौधरी हुकुम सिंह की चौपाल हमेशा लगी है तो वहीं दूसरी ओर मुनव्वर हसन का चबूतरा, लेकिन बात सिर्फ हिंदू ,मुस्लिम, गुज्जर ,जाट और इन सब ही नहीं है। बात ऐसे मतदाताओं की है इस सीट पर करीब 3,85,000 मतदाता है ।इसी सीट पर 145000 मुस्लिम मतदाता है। यहां से मृगांका सिंह लगातार हार रही है ।

ऐसे में दोनों पार्टिया यह जानती हैं कि अगर हसन परिवार को हराना है तो उसके लिए वोटों का बंटवारा होना बेहद जरूरी है। भाजपाई से कैराना मॉडल मानती है। पलाइन के मुद्दे को फिर से उठा कर लाती है, तो हसन परिवार भी जानता है कि इकरा हसन को अगर चुनाव लड़ा दिया गया तो हो सकता है कि परिवार का सम्मान बच जाए लेकिन जीत की चाभी तो वोटरों के हाथ में ही है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव शुरू होते हैं उत्तर प्रदेश में सियासी गर्मी बढ़ गई है ।यहां शामली के कैराना विधानसभा सीट से इकरा हसन ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल कर दिया है।

वह लंदन से लौटी हैं उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने भाई और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी नाहिद हसन के लिए यहां आई हैं। सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने भाई को गलत तरीके से गिरफ्तार किया है। उनका मुकाबला बीजेपी के पूर्व सांसद हुकुम सिंह की बेटी गंगा सिंह से ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि कैराना की जनता किसको चुनती है ।