मसूरी में मसूरी यमुना पेयजल योजना के तहत किये जा रहे कार्यों को लेकर उठ रहे सवाल

मसूरी, उत्तराखंड। पहाड़ों की रानी मसूरी में 144 करोड रुपए की लागत से डल रही मसूरी यमुना पेयजल योजना के तहत पेयजल की लाइनें डाली जा रही है जिसको लेकर मसूरी की विभिन्न क्षेत्रों की सड़कों को खोदा जा रहा है। पाइप लाइन डालने के बाद सड़कों की मरम्मत नहीं की जा रही है जिससे लोगों की भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वही लगातार दुर्घटनाएं भी हो रही है। शनिवार को मसूरी कंपनी गार्डन के पास एक लोडर ट्रक सड़क धंसने के कारण अनियंत्रित होकर सडक किनारे पैराफिट पर टकराकर रूक गया ।

ट्रक को जेसीबी के माध्यम से खींच कर गड्ढे से निकाला गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि मसूरी यमुना पेयजल योजना के तहत बहुत बड़ा घोटाला किया जा रहा है लड़कों को बतरकीब तरीके से खोदा जा रहा है। पेयजल लाइनों और सडकों को खोदने के सयम ना तो स्थानीय प्रशासन मौजूद है और ना ही कोई अधिकारी।

उन्होंने कहा कि कार्यदाई संस्था द्वारा छोटे ठेकेदारों को पाइप लाइन बिछाने और सड़क खोदने का काम पेटी पर दे रखा है जिससे कि ठेकेदार अपने स्वार्थ के लिए सड़कों को बेतरकीब से खोदा जा रहा है । उन्होंने कहा कि अगर समय रहते मसूरी यमुना पेयजल योजना के तहत किये जा रहे कार्याे की जांच नहीं की गई तो आने वाले समय पर मसूरी यमुना पेयजल योजना लाभ देने की जगह परेशानी का सबब बनेगी। उन्होंने कहा कि खुदी हुई सड़कों का तत्काल निर्माण किया जाना चाहिए। बता दें कि हाल में ही एसडीएम मसूरी नरेश दुर्गापाल द्वारा पेयजल के अधिकारियों के साथ बैठक की गई थी और 15 दिनों के अंदर सभी सड़कों के निर्माण करने के निर्देश दिए गए थे परंतु जल निगम के अधिकारी एसडीएम मसूरी के निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए नजर आ रहे हैं। सवाल उठता है कि आखिर जल निगम के अधिकारी इतने लापरवाह क्यों बने हुए हैं। जिस तरीके से पूरी योजना में भ्रष्टाचार किया जा रहा है उसमें प्रदेश सरकार के ऊपर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी इसको लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं जिससे साफ है कि एक बडे भ्रश्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है।

रिपोर्ट–सुनील सोनकर

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