पीएम मोदी ने काशी में2,095 करोड़ की 27 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए सपा-सरकार पर साधा निशाना

वाराणसी। वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2,095 करोड़ की 27 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभी 13 दिसम्बर को प्रधानमंत्री जी ने काशी को अद्भुत उपहार दिया है, जिसकी हजारों वर्षों से काशी को इंतज़ार था, इसका विजन पहले नही था। पिछले दस दिनों में काशी में उमड़ रहा श्रद्धालुओं का जमावड़ा इस बात का पहचान है,जो उंन्होने वैश्विक मंच पर पहचान देने का कार्य किया है। इसलिए प्रधानमंत्री का हॄदय से अभिनन्दन,धन्यवाद।

आज काशी में कुछ और नया होने जा रहा है,काशी में बनास डेयरी का शिलान्यास होने जा रहा है। उत्तरप्रदेश के 20 लाख परिवरो को उनके घर का मालिकना अधिकार भी मिलने जा रहा है,इस अवसर पर सभी किसानों,पशुपालकों,काशी वासियो की ओर से..जिन्हें अपनी पुश्तैनी जमीन का अधिकार मिलने जारहा है, उन सभी की ओर से प्रधानमंत्री जी का हॄदय से अभिनन्दन,धन्यवाद।

इसके बाद पीएम मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि विकास की जब बात आती है तो “काशी अब विकास का मॉडल” बन रहा है,संस्कृति और विकास की परियोजनाओ को लागू करके भव्यता प्राप्त करके इस काशी का मॉडल अलग आधार बनाता है। काशी के विकास और उत्तरप्रदेश के डबल इंजन को लेकर विकास की बात करता हूँ तो कुछ लोगो को अच्छा नही लगता, ये वो लोग हैं जिन्हें विकास अच्छा नही लगता,गरीबो के लिये आवास,स्कूल शौचालय उन्हें विकास नही लगता। उनके सिलेबस में माफ़ियावाद, परिवारवाद,घरों जमीनों पर अवैध कब्जा,पहले की सरकारों में यूपी को जो मिला,और आज जो हमारी सरकार में जो मिल रहा है..उसका “फर्क साफ है”। इन्हें विकास अच्छा नही लग रहा है,इन लोगो को बाबा विश्वनाथ के धाम का विकास भी अच्छा नही लग रहा,बीते रविवार को काशी विश्वनाथ धाम में डेढ़ लाख लोग पहुंचे थे। दशकों से विकास के अछूते रखने वालों को अभी और डर और गुस्सा लगेगा, उनका गुस्सा अभी और सातवे आसमान पर पहुचेगा,हम ऐसे ही विकास के रिकॉर्ड बनाते रहेंगे.

आज वाराणसी और आसपास का ये पूरा क्षेत्र फिर से पूरे देश और पूरे उत्तर प्रदेश के गांवों, किसानों, पशुपालकों के लिए बहुत बड़े कार्यक्रम का साक्षी बना है। हमारे यहां गाय की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है।गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय, माता है, पूजनीय है। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है।

आज भारत हर साल लगभग साढ़े 8 लाख करोड़ रुपये का दूध उत्पादन करता है। ये राशि जितना भारत में गेहूं और चावल का उत्पादन होता है, उसकी कीमत से भी कहीं ज्यादा है।

भारत के डेयरी सेक्टर को मजबूत करना आज हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इसी कड़ी में आज यहां बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया गया है। हमारे यहां कहा जाता था कि किसके दरवाजे पर कितने खूंटे हैं, इसे लेकर स्पर्धा रहती थी। लेकिन बहुत लंबे समय तक इस सेक्टर को जो समर्थन मिलना चाहिए था, वो पहले की सरकारों में नहीं मिला। हमारी सरकार देशभर में इस स्थिति को बदल रही है। 6-7 वर्ष पहले की तुलना में देश में दूध उत्पादन लगभग 45% बढ़ा है। आज भारत दुनिया का लगभग 22% दूध उत्पादन करता है।

मुझे खुशी है कि यूपी आज देश का सबसे अधिक दूध उत्पादक राज्य तो है ही, डेयरी सेक्टर के विस्तार में भी बहुत आगे है। डबल इंजन की हमारी सरकार पूरी ईमानदारी और शक्ति से किसानों और पशुपालकों का साथ दे रही है।

आज यहां जो बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया गया है, वो भी सरकार और सहकार की इसी भागीदारी का प्रमाण है।आज देश की बहुत बड़ी जरूरत, डेयरी सेक्टर से जुड़े पशुओं से जो अपशिष्ट निकलता है, उसके सही इस्तेमाल का भी है। रामनगर के दूध प्लांट के पास बायोगैस से बिजली बनाने वाले प्लांट का निर्माण ऐसा ही एक बहुत बड़ा प्रयास है।

एक समय था जब भारत में प्राकृतिक खेती होती थी। जो खेत से मिल रहा है, खेती में जुड़े पशुओं से मिल रहा है, वही तत्व खेती को बढ़ाने के काम आते थे। लेकिन समय के साथ प्राकृतिक खेती का दायरा सिमटता गया।

धरती मां के कायाकल्प के लिए, हमारी मिट्टी की सुरक्षा के लिए आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए हमें एक बार फिर प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ना ही होगा। सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, किसानों को जागरूक करने के लिए बहुत बड़ा अभियान भी चला रही है। मैं मेरे किसान भाइयों बहनों से, विशेषकर छोटे किसानों आज किसान दिवस पर आग्रह करूंगा कि आप प्राकृतिक खेती की तरफ आगे बढ़ें।

गांवो को, किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, उन्हें अवैध कब्जे से चिंता मुक्त करने में स्वामित्व योजना की बहुत बड़ी भूमिका है। यूपी के 75 जिलों में 23 लाख से अधिक घरौनी तैयार हो चुकी हैं। इसमें से करीब 21 लाख परिवारों को आज ये दस्तावेज दिए गए हैं।

पुरातन पहचान को बनाए रखते हुए हमारे शहर नूतन काया कैसे धारण कर सकते हैं, ये काशी में दिख रहा है। आज जिन परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकापर्ण हुआ है, वो ‘भव्य काशी-दिव्य काशी’ अभियान को और गति देंगे। मैं जब काशी के, यूपी के विकास में, डबल इंजन की डबल शक्ति की बात करता हूं तो कुछ लोगों को कष्ट ज्यादा ही हो जाता है।ये वो लोग हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश को सिर्फ जाति, मजहब, पंथ, के चश्मे से ही देखा। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भाषा भी उनके सिलेबस, उनकी डिक्शनरी से बाहर है। उनके सिलेबस में, उनकी डिक्शनरी में, उनकी सोच में है- माफियावाद, परिवारवाद।उनके सिलेबस में है- घरों-जमीनों पर अवैध कब्जा। हम यूपी में विरासत को भी बढ़ा रहे हैं, यूपी का विकास भी कर रहे हैं। लेकिन सिर्फ अपना स्वार्थ सोचने वालों को यूपी का विकास पसंद नहीं आ रहा है। हालात तो ये हैं कि इन लोगों को पूर्वांचल के विकास से, बाबा विश्वनाथ धाम से भी आपत्ति होने लगी है।

उत्तर प्रदेश को दशकों पीछे धकेलने वाले इन लोगों की नाराजगी अभी और बढ़ेगी।जिस तरह पूरे यूपी के लोग हमें आशीर्वाद दे रहे हैं और जैसे-जैसे आशीर्वाद बढ़ता जाता है। उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंचेगा।

रिपोर्टर-गिरीश