पिता और चाचा के साथ आने से क्या अखिलेश यादव पाएंगे यूपी की सत्ता

यूपी विधानसभा चुनाव में तीसरे चरण के लिए प्रचार जोरों पर है ऐसे में अखिलेश यादव को अपने घर और समाजवादी पार्टी का किला बचाने के लिए नया दांव चला है। अखिलेश इटावा प्रचार पर निकले तो उन्होंने अपने पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल को भी साथ में ले लिया।

अखिलेश यादव,मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह

रथ में जहां एक तरफ मुलायम सिंह यादव बैठे तो वहीं दूसरी ओर अखिलेश यादव थे सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि चाचा शिवपाल जी अखिलेश यादव के रथ में सवार थे ।तीनों के नेता अपने समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिवादन करते हुए दिखाई दिए।

गौरतलब है कि 2012 में जब समाजवादी पार्टी ने राज्य में सरकार बनाई तो अपने घर की 29 सीटों में से 25 सीटें जीती थी जबकि 2017 में चाचा शिवपाल यादव के साथ अखिलेश के झगड़े के चलते सपा को हार का सामना करना पड़ा और केवल 6 सीट पार्टी को मिली थी।

करहल इटावा जिले में अखिलेश के पैतृक गांव सैफई से महज 4 किलोमीटर दूर है। निर्वाचन क्षेत्र मुलायम सिंह यादव की मैनपुरी लोकसभा सीट का हिस्सा है। अखिलेश ने विधान परिषद सदस्य के तौर में मुख्यमंत्री पद का कार्य किया और वर्तमान में आजमगढ़ से सांसद भी हैं अखिलेश यादव पहली बार गृह क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।

अखिलेश यादव जी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं वहां 3.7 लाख मतदाता हैं जिसमें से 1.4 लाख यादव , 34000 शाक्य ओबीसी और लगभग 14000 मुस्लिम शामिल है। करहल 1993 से समाजवादी पार्टी का गढ़ रही है। 2002 के विधानसभा चुनाव में यह सीट भाजपा के सोबरन सिंह यादव के खाते में गई थी लेकिन बाद में वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे।

लेकिन इस बार शिवपाल सिंह यादव भतीजे अखिलेश के साथ है तो ऐसे में देखना होगा कि उत्तर प्रदेश में सियासी समीकरण क्या रंग दिखाता है

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