WHO:
आईईडी हमले और जनप्रतिनिधि की हत्या के बावजूद परियोजना पूरी हुई
डब्ल्यूएचओ और सरकार की साझेदारी से नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं में बड़ा बदलाव
नई दिल्ली, 3 फरवरी 2025- छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा ब्लॉक में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र पोटाली में नक्सली हिंसा के चलते लगभग 20 वर्षों से ठप स्वास्थ्य सुविधाएँ फिर से बहाल हो गई है। दुरूह नक्सल प्रभावित क्षेत्र में उप स्वास्थ्य केंद्र पोटाली के पूरी तरह से कार्यशील होने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे बड़ी उपलब्धि के रूप में रेखांकित किया है।
भारत सरकार के अस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम, छत्तीसगढ़ सरकार की नियाद नेल्लानार योजना और डब्ल्यूएचओ इंडिया के सहयोग से इसे एक आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया गया है। यह केंद्र अब तीन गांवों के 2,583 निवासियों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है। स्वास्थ्य केंद्र में छह बेड का वार्ड के साथ ही एक सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, एक ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारी और 26 आशा कार्यकर्ताओं को (मितानिन) तैनात किया गया है।
पोटाली में उप स्वास्थ्य केंद्र 2003 में बनाया गया था, लेकिन नक्सलियों की धमकियों के कारण इसे कभी चालू नहीं किया जा सका। इसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं 10 किमी दूर किकरी पारा गांव के एक अस्थायी केंद्र से संचालित की जा रही थीं, जिससे ग्रामीणों, विशेष रूप से महिलाओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। 2021 में सरकार ने इसे आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित करने का फैसला किया और विश्व स्वास्थ्य संगठन इंडिया ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया।
हालांकि, अप्रैल 2023 में अरनपुर में आईईडी विस्फोट में 10 सुरक्षाकर्मियों की मौत के बाद निर्माण कार्य रुक गया और ठेकेदारों ने डर के कारण काम बंद कर दिया। इसके बाद नवंबर 2023 में जब इसे दोबारा शुरू करने की कोशिश की गई, तो परियोजना का नेतृत्व कर रहे जनपद पंचायत के पूर्व सदस्य जोगा राम की हत्या कर दी गई, जिससे विकास कार्य एक बार फिर बाधित हो गया।
स्थानीय निवासियों, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के मजबूत इरादों के चलते इस परियोजना को पुनः गति मिली और अंततः 1 जनवरी 2025 को यह स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह से चालू हो गया। उद्घाटन के बाद गांव की सरपंच ललिता मांडवी ने कहा, “हम इस स्वास्थ्य केंद्र के लिए वर्षों से इंतजार कर रहे थे। अब महिलाओं को इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।” वहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी ऋतु कुंजाम ने कहा, “अब स्वास्थ्य सेवाएं सुगम हो गई हैं और गुणवत्तापूर्ण इलाज संभव होगा।”
उप स्वास्थ्य केंद्र पोटाली का दोबारा खुलना दिखाता है कि जब सरकार, स्थानीय लोग और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं साथ काम करती हैं, तो मुश्किल इलाकों में भी अच्छी सुविधाएं मिल सकती हैं। भारत सरकार की अस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम और छत्तीसगढ़ सरकार की नियाद नेल्लानार योजना की मदद से यह संभव हुआ, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन इंडिया ने भी सहयोग किया है।
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