दिल्ली-NCR प्रदूषण पर SC में चली लम्बी सुनवाई, 29 नवंबर को इस मामले की अगली सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। दिल्ली-NCR प्रदूषण पर SC में चली लम्बी सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि चुनाव के चलते पंजाब में पराली जलाने वालों पर जुर्माना नहीं लगाया जा रहा है। फिर भी प्रदूषण का स्तर काफी कम हुआ है। सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि प्रतिबंध 21 तारीख तक था। अब स्थिति बेहतर है तो रोक हट गई है। औद्योगिक प्रदूषण से बचने के लिए थर्मल प्लांट बंद हैं। इसपर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम हर चीज़ नियंत्रित नहीं कर सकते, यह तो हवा बहने के चलते हुआ है। आपने क्या किया है? हमारे पास कई नई अर्ज़ी आई हैं। एक मजदूर संगठन की है कि निर्माण कार्य शुरू करवाया जाए।

कोर्ट-सरकार और सॉलिसीटर जनरल के बीच एक दूसरे से पॉजिटिव सवाल जवाब हुए। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि क्या स्कूल खुल गए? वैज्ञानिक तैयारी होनी चाहिए। हवा का बहाव नियंत्रित नहीं कर सकते। पर अगले 7 दिन हवा कैसी बहेगी, उसके आधार पर आप कदम उठा सकते हैं। जब मौसम गंभीर हो जाता है तो हम उपाय करते हैं, इन उपायों का पूर्वानुमान लगाना होगा, यह पूर्वानुमान एक सांख्यिकीय मॉडल पर आधारित होना चाहिए। CJI ने कहा कि हम इस मामले को बंद नही करेंगे। इसको लंबित रखेगे और आने वाले समय में आदेश जारी करेंगे।

सॉलिसीटर ने कहा कि अवैध निर्माण, वाहनों पर जुर्माना लगाया गया है। मौसम विभाग की रिपोर्ट है कि 26 नवंबर तक हवा और बेहतर होगी। हम 3 दिन बाद फिर समीक्षा करेंगे। इसपर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि यह राष्ट्रीय राजधानी है। हम दुनिया को जो मैसेज भेज रहे हैं, उसे देखिए। आप इन गतिविधियों को पहले से रोक सकते हैं ताकि गंभीर स्थिति भी न बने। कोर्ट ने कहा कि हम सोमवार को मामले की सुनवाई करेंगे। अगले एक दो दिन तक पाबंदी जारी रखें फिर हवा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर ढिलाई दे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जब हालात गंभीर हो जाता है तो हम उपाय करते हैं, इन उपायों का पूर्वानुमान लगाना होगा। हमें बहुत गंभीर स्थिति में न जाए आप समय रहते उचित कदम उठाएं। आप समय रहते करवाई क्यों नही करते है? दिल्ली हर बार यह मुसीबत क्यो झेले?

CJI ने कहा कि हम सोमवार को मामले की सुनवाई करेंगे। अगले एक दो दिन तक पाबंदी जारी रखें फिर हवा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर ढिलाई देने पर विचार करे। CJI ने पूछा लेबर वेलफेयर फंड में कितना पैसा है? कोर्ट ने सुझाव देते हुए कहा कि जितने दिनों तक काम बंद रहाता है उस दौरान तक मजदूरों को कुछ पैसा मिलना चाहिए। ताकि वो जीविका को चला सके।

CJI ने पूछा कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार से पराली की समस्या का निस्तारण करने के लिए क्या किया है? SG ने कहा कि 1007 पानी का छिड़काव करने वाली मशीनें लगाए गयी हैं। इसके साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले 33 उद्योगो को बंद कर दिए गए हैं। फिर CJI ने पूछा आपने जो विशेष बसें चलाई है उनसे कितने लोग यात्रा कर रहे हैं? SG ने कहा कि इसका आंकड़ा कोर्ट को दिया जा सकता है, मौसम विभाग की रिपोर्ट है कि 26 नवंबर तक हवा और बेहतर होगी। हम 3 दिन बाद फिर समीक्षा करेंगे।

CJI ने कहा कि इस मामले पर सुनवाई बंद नही की जाएगी। अगर संभव हुआ तो प्रति दिन या एक दिन के अंतराल पर सुनवाई करेंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है। हम दुनिया को जो मैसेज भेज रहे हैं, उसे देखिए। आप इन गतिविधियों को पहले से ही रोक लगा सकते हैं ताकि गंभीर स्थिति ही न बने। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि पराली के निस्तारण के लिए अगर गोवर्धन मॉडल अपनाया जा सकता है। यूपी हरियाणा पंजाब से पराली को उन राज्यों में भेजा जा सकता है।जहां जानवरो के लिए चारे की कमी है। वहीं CJI ने पूछा कि क्या इस बारे में कोई अध्ययन है कि पंजाब, यूपी, हरियाणा से कितना पराली हटाया गया है? उत्सर्जन के कौन से तरीके अपनाए गए हैं? इसके अलावा CJI ने कहा कि खेतिहर मजदूरों की कमी के कारण किसान मैकेनिकल हार्वेस्टर अपनाते हैं। यह पूरे भारत में एक बड़ी समस्या बन जाएगी। CJI ने कहा कि नौकरशाही क्या कर रही है? क्या वो खेतों में जाकर किसानों से बात कर सकते हैं और निर्णय ले सकते हैं। वह इसमे वैज्ञानिकों को शामिल करे, ऐसा क्यों नहीं हो सकता है? सुप्रीम कोर्ट अब 29 नवंबर को इस मामले की अगली सुनवाई करेगा। कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के दिहाड़ी मजदूरो को फंड देने के लिए कहा। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस मामले पर डिटेल आर्डर पास करने की भी बात कही है।

रिपोर्टर- दिल्ली से धर्मेंन्द्र सिंह