उत्तराखंड में 2 दिन पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने एक अपनी पार्टी को बड़ा झटका दिया तो अब भारतीय जनता पार्टी सरकार के वरिष्ठ मंत्री हरक सिंह रावत ने भी नाराजगी जाहिर कर बीजेपी छोड़ने के संकेत दिए हैं इस्तीफा देने तक की बात सामने आ रही है। हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी तक इस्तीफे की पुष्टि नहीं हुई है। और कहा जा रहा है कि हरित हरक सिंह रावत आज दिल्ली में पार्टी आलाकमान से मुलाकात कर सकते हैं।
गौरतलब है कि बीजेपी सरकार के हैवीवेट मंत्री हरक सिंह रावत अपने फैसले पर सवाल उठाए जाने के बाद कैबिनेट की बैठक के बीच नाराज होकर उठकर और यह कहते हुए बाहर निकल गए कि वह इस्तीफा दे रहे हैं हालांकि अभी तक इस्तीफे वाली चिट्ठी सामने नहीं आई है।
दूसरी और कैबिनेट से निकले मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने मंत्री हरक सिंह रावत के इस्तीफे जैसे किसी भी बात से इंकार कर दिया है चुफाल ने यह भी कहा है कि हरक सिंह रावत अंत तक बैठक में शामिल थे वहीं एक और मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि हरक सिंह रावत ने अपनी विधानसभा कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज निर्माण को लेकर हो रही देरी को लेकर नाराजगी जाहिर की है
अब आपको बताते हैं कि हरक सिंह रावत के नाराज होने के पीछे कितनी वजह है
1.कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया गया
2.बहू के लिए बीजेपी से टिकट की मांग पर जवाब नहीं मिला
3.हरक सिंह रावत ने अपने क्षेत्र कोटद्वार में एक मेडिकल कॉलेज बनाना चाहते थे जिसे कैबिनेट ने नामंजूर कर दिया
4.तीरथ सिंह रावत के बाद पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाया गया
5.हरक सिंह रावत अपनी बहू के लिए भाजपा से टिकट चाहते हैं जिस पर अब तक पार्टी से कोई साफ जवाब नहीं मिला
तीरथ सिंह रावत को हटाने के बाद महज 2 बार के विधायक पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया और उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया
मुख्यमंत्री पद की चाहत रखने वाले वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत को अचानक कांग्रेस की में उम्मीद दिख रही थी जब हरीश रावत ने ट्विटर पर राजनीतिक संन्यास लेने का इशारा किया जिसके बाद हरक सिंह रावत ने कांग्रेस में अपना सियासी भविष्य बेहतर नजर आने लगा, पर अब यह उम्मीद भी टूटती नजर आ रही है क्योंकि हरीश रावत ने संन्यास लेते लेते रुक गए या फिर यूं कहें उनको रोक लिया कांग्रेस पार्टी आलाकमान ने।