Bihar Politics: बिहार नीतीश कुमार की सियासत का यही अंदाज मुख्यमंत्री वहीं रहते हैं गठबंधन के सहयोगी बदलते रहते हैं।
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Bihar Politics: बात करते हैं साल 2000 मार्च का महीना था। जब नीतीश कुमार पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने पर बहुमत के अभाव में उन्हें जल्द ही इस्तीफा देना पड़ा । 5 साल बाद नीतीश कुमार की फिर से सत्ता में वापसी हुई दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी के साझेदार के तौर पर मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली नीतीश कुमार ने सरकार चलाई और सुशासन बाबू के तौर पर उभरे।
साल आया 2010 नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी तीन चौथाई से भी अधिक सीट जीतकर कर सदन पहुंचे नीतीश कुमार तीसरी बार मुख्यमंत्री बने सरकार चलती रही।
वक्त आया साल 2013 का भारतीय जनता पार्टी ने अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिए नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार का चेहरा बना दिया जिसका आशय यह था कि लोकसभा चुनाव जीतने पर मोदी प्रधानमंत्री बनते। नीतीश कुमार को यह बात रास नहीं आई। नीतीश कुमार ने राजनीतिक विचारधारा और सिद्धांतों की दुहाई देते हुए एनडीए का साथ छोड़ दिया।
2015 में बिहार में विधानसभा चुनाव होना था नीतीश कुमार ने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के साथ महागठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ने का फैसला लिया। यह कहते हुए कि भारतीय जनता पार्टी को हराना वक्त की जरूरत है और महागठबंधन ही के जरिए ऐसा मुमकिन है। चुनाव में महागठबंधन जीत गई नीतीश कुमार फिर मुख्यमंत्री बने लेकिन डेढ़ साल के बाद ही वह सरकार गिर गई। लालू परिवार खासकर तेजस्वी यादव का नाम मन लॉन्ड्रिंग एक मामले में आने के बाद नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया 24 घंटे के अंदर ही वह बीजेपी का समर्थन जीतने में सफल रहे।
इस तरह से नीतीश कुमार 2017 में एक बार फिर मुख्यमंत्री बन गए 2 वर्ष बीत जाने के बाद राज्य में चुनाव हुआ 2020 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ नीतीश कुमार ने चुनाव लड़ा चुनाव जीत भी गए लेकिन इस बार यह साथ दो बरस तक भी नहीं चला नीतीश कुमार ने अगस्त 2022 में बीजेपी पर इल्जाम लगाते हुए कि वह उनकी पार्टी को तोड़ रही है। इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रीय जनता दल कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली ।
अब नीतीश कुमार ने चिराग पासवान के जरिए जदयू को कमजोर करने की भी बात की थी जाहिर सी बात है उनका इशारा चिराग के जरिए भाजपा की ओर था अब नीतीश ने आज एक बार फिर से यह कहते हुए महागठबंधन की स्थिति ठीक नहीं थी और इंडिया गठबंधन में काम ठीक नहीं हो रहा था यह कहते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
और बीजेपी के साथ मिलकर एक बार फिर सरकार बनी मुख्यमंत्री फिर नीतीश कुमार ।