Jharkhand News: झारखंड की सियासत घमासान जारी है जमीन घोटाले में गिरे हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और ईडी ने उनके गिरफ्तारी भी कर ली है। हेमंत सोरेन ने अपनी जगह चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना है। चंपई की तरफ से राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया गया है लेकिन अभी तक राजभवन आज 5.30 बजे मिलने का समय दिया गया है।
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जानकारी यह भी है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन के चार विधायक गायब हैं। ऐसे में कई तरह के सियासी अटकलें भी लगाई जा रही है। हेमंत सोरेन पर जमीन घोटाले का मामला है। ईडी ने 31 जनवरी को रांची में सोरेन के घर जाकर उनसे पूछताछ की गिरफ्तारी से पहले ही हेमनंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। वह खुद राज भवन गए उन्होंने कैबिनेट मंत्री चंपई सोरेन को नया मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया । हेमंत सोरेन के स्थिति के बाद चंपई ने 47 विधायकों के समर्थन पत्र के साथ सरकार बनाने का प्रस्ताव राज्यपाल को दिया ।बुधवार रात को यह प्रस्ताव राज्यपाल को दिया गया था लेकिन गुरुवार दोपहर तक चंपई को सरकार गठन के लिए कोई जवाब नहीं मिला है।
दूसरी और झामुमो और कांग्रेस के विधायकों को हैदराबाद ले जाने के लिए दो विशेष विमान रांची के बिरसा मुंडा बताया जा रहा है कि महागठबंधन के सभी विधायकों को विशेष विमान से हैदराबाद ले जाया जाएगा चार्टर्ड विमान 40 प्लस वाली सीट है ।
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और झारखंड में भी सियासी पारा हाई है। जहां एक और विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट करने की तैयारी है सर्किट हाउस में पिछले दरवाजे से एक बड़ी बस जाकर अंदर लाई गई है। विधायकों को स्पेशल फ्लाइट से हैदराबाद भेजा जा रहा है कहा जा रहा है की फ्लाइट शाम तक हैदराबाद पहुंच सकती है। वहीं दूसरी और भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने झारखंड के राज्यपाल से अपील की है कि शिबू सोरेन झामुमो पार्टी के अध्यक्ष हैं और उनकी चिट्ठी के बगैर किसी को भी शपथ नहीं दिलाई जानी चाहिए । निशिकांत दुबे का कहना है कि हेमंत सोरेन के साथ केवल 30 विधायक है 18 उनके खिलाफ है झारखंड में बहुमत का आंकड़ा 41 है और चंपई सोरेन ने 47 विधायकों का समर्थन दिया है अगर कर कर गायब विधायकों को भी हटाने तो फिलहाल चंपई के पास 45 विधायकों का समर्थन है यह नंबर अभी तक पूरी तरह से साफ नहीं है दूसरी और भारतीय जनता पार्टी में भी काफी हलचल है शुक्रवार को भाजपा ने विधायकों की बैठक भी बुलाई है।
ऐसे में हर किसी की निगाहें झारखंड पर टिकी हुई है क्या झारखंड में झामुमो सरकार गठबंधन की सरकार बन पाएगी या फिर कोई बड़ा खेल होने वाला है। कुछ नेताओं की तरफ से राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग उठा रही है। आपको बता दे किसी बीच भाजपा नेता निशिकांत दुबे का भी बयान चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि वह पहले ही झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर चुके हैं तो ऐसे में महत्वपूर्ण सवाल है कि क्या झारखंड के सियासत में आने वाले वक्त में बदलाव होने वाला है।
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