Farmers Protest Update: किसान और केंद्र सरकार के बीच सोमवार को हुई बैठक भी नतीजा रही। जिसके इसके बाद पंजाब और हरियाणा के किसानों ने मंगलवार को दिल्ली कुछ करना शुरू कर दिया किसानों को राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए सभी बॉर्डर सील कर दिए गए हैं।
Farmers Protest Update
Farmers Protest Update: इसके अलावा दिल्ली की सीमाओं पर कई स्तर की अवरोध कंक्रीट के ब्रेकर, लोहे की कीले कंटेनर की दीवारें लगाकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली की तीन सिंघु बॉर्डर ,टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर पर दंगा रोधी वर्दी में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भी भारी संख्या में तैनाती की गई है। मार्च के को देखते हुए कुछ जगहों पर अस्थाई झील की भी व्यवस्था की गई है।
इस बार किसान आंदोलन पिछली बार 2020/ 2021 में हुए आंदोलन की तुलना में कई महीनो में अलग है। इस बार किसानों की मांग भी अलग है नेतृत्व भी पिछली बार किसान आंदोलन कृषि कानून के खिलाफ था वह इसमें सफल भी हुए क्योंकि सरकार ने इन कानून को वापस ले लिया। और एमएसपी का गारंटी देने का वादा किया था लेकिन किसानों का कहना है कि सरकार ने एमएसपी को लेकर जो वादा किया वह अभी तक पूरा नहीं किया। किसाने की मांगों में प्रमुख है फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला कानून। सभी फसलों का मूल्य डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग के सिफारिश के आधार पर तय हो और एमएसपी भी इसमें शामिल हो। किसानों को 60 वर्ष की उम्र के बाद ₹10000 प्रति महीना पेंशन दी जाए । 7 अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी मामले के अपराधियों को सजा।
सरकार को तय न्यूनतम समर्थन पर फसलों के दाम चुकाने पड़ेंगे।एमएसपी पर कानून बना तो सरकार एमएसपी तय करेगी उससे काम दाम पर किसानों से फसल कोई खरीद नहीं पाएगा। अगर कोई कम कीमत पर खरीदना है तो कानूनन अपराध होगा लेकिन एमएसपी पर कानून बनते ही सरकारी खजाने पर बोझ भी पड़ेगा । 2022- 2023 में एमएसपी पर सरकार ने 2.28 लाख करोड रुपए खर्च किए अगर एमएसपी पर कानून आ गया तो यह खर्चा 17 लाख करोड रुपए हो जाएगा।
रवि और खरीफ की 22 फसलों पर सरकार एमएसपी देती है। एमएसपी तय करने काम कमिशन फॉर एग्रीकल्चर कास्ट एंड प्राइसेस करती है। सरकार इसी की सिफारिश पर एमएसपी तय करती है। देश में करीब सात फ़ीसदी किसानों को ही एमएसपी का फायदा मिलता है।
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