आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक के बाद आया यह फैसला
नई दिल्ली। आरबीआई की ओर से आया एक निर्णय देश के लाखों घर खरीदारों को खुशी देगी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनिटरी कमेटी की बैठक में यह बड़ा निर्णय लिया गया है। इसमें रेपो रेट न बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। लगातार आठवीं बार रेपो रेट नहीं बढ़ाई जाएगी, जिससे रियल एस्टेट बाजार झूम रहा है। रियल एस्टेट कारोबारियों के साथ घर खरीदारों ने भी आरबीआई के इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि निश्चित तौर पर इस निर्णय से लाखों लोगों को इसका लाभ होगा। सेक्टर की मजबूती से रोजगार के और अधिक अवसर बनाने पर जोर होगा साथ ही घर खरीदने के बारे में सोच रहे लोगों को होम लोन की कम ईएमआई ही देनी होगी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार आठवीं बार नीतिगत रेपो दर में कोई बदलावा नहीं किया है। आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। इसका मतलब है कि लोगों की होम लोन की ईएमआई में बढ़ोतरी नहीं होगी। रेपो दर फिर से अपरिवर्तित रही है, इसलिए बैंक लोन की ईएमआई बढ़ने की संभावना न के बराबर है। आरबीआई के इस घोषणा के बाद रियल एस्टेट डेवलपर्स ने खुशी जताते हुए कहा कि इस फैसले से प्रॉपर्टी बाजार और होम बायर्स दोनों को फायदा मिलेगा। रियल एस्टेट सेक्टर के अलग-अलग दिग्गजों ने आरबीआई के इस कदम को बेहतर बताते हुए अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।
अफोर्डेबल सेक्टर को हस्तक्षेप की जरूरत
क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ कहते हैं, “हालांकि रेपो दर में मामूली कमी से रियल एस्टेट सेक्टर का उत्साह और बढ़ सकता था, हम आरबीआई के ब्याज दर को नहीं बदलने के निर्णय का स्वागत करते हैं। एक चिंता का विषय अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर है, जिसमें निश्चित रूप से हस्तक्षेप की आवश्यकता है। कुल मिलाकर, यह एक स्वागत योग्य निर्णय है, और रियल एस्टेट बाजार, जो अब तक के सबसे निचले स्तर के बिना बिके स्टॉक के साथ एक अभूतपूर्व उछाल का अनुभव कर रहा है, इस कदम का स्वागत करता है। यह निर्णय सेक्टर की वृद्धि और स्थिरता का समर्थन करता है।
आठवीं बार रेट्स को स्टेबल रखने के शीर्ष बैंक के रणनीतिक कदम का स्वागत
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के फाउंडर और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, “हम लगातार आठवीं बार रेट्स को स्टेबल रखने के शीर्ष बैंक के रणनीतिक कदम का स्वागत करते हैं। यह निर्णय समग्र आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के बीच एक सावधानीपूर्वक संतुलन को दर्शाता है, जिसमें कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) लक्ष्य सीमा के भीतर रहता है। हालांकि, अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि यदि मुद्रास्फीति में गिरावट जारी रहती है, तो हम वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में 25-50 आधार अंकों की दर में कटौती देख सकते हैं। इंटरेस्ट रेट्स में इस तरह की कटौती भविष्य की नीति समीक्षाओं में पेश की जा सकती है।
यदि ये दर कटौती वास्तविक होती है, तो वे रियल एस्टेट सेक्टर को काफी बढ़ावा दे सकती हैं, जो पहले से ही एन्ड यूजर से मजबूत डिमांड का अनुभव कर रहा है। लोअर रेट इंटरेस्ट होम लोन को और सस्ता कर देगा और इससे अधिक लोगों को प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। विशेष रूप से गुरुग्राम जैसे शहरों में आने वाले वर्षों में मजबूत डिमांड रहने की उम्मीद है, जो पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को देख रहे हैं। गुरुग्राम का तेजी से शहरीकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स जैसे कि नए राजमार्ग, मेट्रो विस्तार और बेहतर सार्वजनिक सुविधाएं इन सभी ने गुरुग्राम में एसपीआर, द्वारका एक्सप्रेसवे और साउथ ऑफ गुरुग्राम जैसी लोकेशंस को घर खरीदने वालों और निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना रही हैं।
वित्तीय बोझ कम करेगा यह कदम
एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा ने बताया लगातार आठवीं बार रेपो दर को 6.50 फीसदी पर बनाए रखने का आरबीआई का निर्णय संभावित बॉयर्स पर वित्तीय बोझ को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह निर्णय कॉमर्शियल सेक्टर में संभावित बॉयर्स को अपनी संपत्ति खरीद के साथ आगे बढ़ने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए अच्छा कदम है। निश्चित रूप से आरबीआई के फैसले से किफायती और मध्य-श्रेणी की कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स को गति मिलेगी।
भविष्य के विकास की संभावनाएं दिख रहीं हैं
ग्रुप 108 के एमडी, संचित भूटानी कहते हैं, “आरबीआई ने लगातार आठवीं बार रेपो दर स्थिर रखकर फिर से एक सराहनीय कदम उठाया है। स्थिर रेपो दर निवेशकों और घर खरीदारों के लिए विश्वास प्रदान करती है। यह स्थिरता सीधे तौर पर रियल एस्टेट सेक्टर की वृद्धि को प्रभावित करती है, जो बदले में भारत के जीडीपी और भविष्य की विकास संभावनाओं में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
खरीदारों के बीच बढ़ेगा उत्साह
अंकुश कौल,चीफ बिजनेस ऑफिसर, एंबिएंस ग्रुप के अनुसार “आरबीआई ने पिछले 16 महीनों से से रेपो दर को 6.5 फीसदी पर बनाए रखा है। इस दर को रियल एस्टेट क्षेत्र द्वारा लंबे समय से ध्यान में रखा गया है। दरों को स्थिर करने से संभावित खरीदारों के बीच एक अलग उत्साह बना हुआ है और उनका विश्वास बना हुआ है। जैसे-जैसे फेस्टिव सीजन नजदीक आ रहा है, यह सेक्टर बॉयर्स को रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल दोनों सेक्टर्स में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
ब्याज दरों में जारी रहेगी राहत
अमित मोदी, डायरेक्टर, काउंटी ग्रुप का कहना है कि आरबीआई ने रेपो दरों को 6.50% पर अपरिवर्तित रखकर एक स्वागत योग्य कदम उठाया है। यह कदम इस क्षेत्र में निवेश करने के इच्छुक डेवलपर्स और संभावित खरीदारों दोनों के लिए फायदेमंद है। पवन शर्मा, एमडी, ट्राइसोल रेड, बताते हैं कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने के फैसले से हाउसिंग मार्केट में सकारात्मक वृद्धि की उम्मीद है। बढ़ती हाउसिंग लागत के बावजूद, बिना बदली होम लोन दरें संभावित होम बायर्स को कुछ राहत प्रदान करती है।
उपभोक्ताओं को बढ़ रहा विश्वास
रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा के अनुसार, “आरबीआई द्वारा आठवीं बार रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने के निर्णय से रियल एस्टेट सेक्टर को कई तरह से लाभ हुआ है. कंज्यूमर का विश्वास इस में प्रथम है. ब्याज दरों में स्थिरता से विश्वास बढ़ता है, जिससे घर खरीदना अधिक आकर्षक और किफ़ायती हो जाता है। इसके अलावा अस्थिर विकल्पों की तुलना में रियल एस्टेट अधिक आकर्षक इन्वेस्टमेंट बन जाता है, जिससे डोमेस्टिक और फॉरेन इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा मिलता है. अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल का मानना है कि रेपो रेट को बनाए रखने के आरबीआई के फैसले से रेजिडेंशियल मार्किट पर पॉजिटिव इफ़ेक्ट पड़ेगा। हाउसिंग कॉस्ट की बढ़ती लागत के बावजूद, स्टेबल होम लोन संभावित बायर्स को कुछ राहत प्रदान करती हैं। नतीजतन, स्टेबल इंटरेस्ट रेट बायर्स और डेवलपर्स दोनों को लाभ पहुंचाती हैं, जिससे कंज्यूमर का विश्वास बढ़ता है।
ओमैक्स ग्रुप के एमडी मोहित गोयल कहते हैं, “लगातार आठवीं बार रेपो रेट को 6.50% पर बनाए रखकर आरबीआई ने एक बार फिर बायर्स और डेवलपर्स दोनों को राहत दी है। रियल्टी सेक्टर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है, जिसमें मिड, प्रीमियम और लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। स्टेबल लोन रेट्स से संभावित बायर्स को लाभ होगा और अथॉरिटी में जनता का विश्वास बना रहेगा। हमें उम्मीद है कि यह पॉजिटिव स्टेप रियल एस्टेट सेक्टर को आगे ले जाएगा, जिससे बायर्स और डेवलपर्स दोनों को लाभ होगा।”
आरबीआई का अर्थव्यवस्था के प्रति ठोस कदम
अश्विंदर आर. सिंह, सह-अध्यक्ष सीआईआई एनआर समिति रियल एस्टेट व सीईओ भारतीय अर्बन ने बताया कि, “रेपो दर को 6.50% पर बनाए रखने का आरबीआई का निर्णय एक रणनीतिक रूप से ठोस कदम है जो रियल एस्टेट बाजार में स्थिरता और विश्वास को मजबूत करता है। यह नीतिगत रुख न केवल वर्तमान विकास प्रक्षेपवक्र को बनाए रखता है बल्कि संभावित घर खरीदारों और वाणिज्यिक रियल एस्टेट निवेशकों के लिए सामर्थ्य भी बढ़ाता है। अश्विनी कुमार, पिरामिड इंफ्राटेक का कहना है, “आरबीआई द्वारा रेपो रेट को 6.50% पर बनाए रखने से रियल्टी सेक्टर में इन्वेस्टमेंट करने वाले डेवलपर्स और पॉसिबल बायर्स को लाभ मिलेगा। पिछले कुछ वर्षों में यह सेक्टर पहले से ही अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, और रेपो रेट को स्टेबल रखने के डिसीजन से पॉसिबल बायर्स और डेवलपर्स दोनों को लाभ होगा।
नीरज शर्मा, एमडी इस्कॉन इंफ़्रा रियल्टर का मानना है, “आठवीं बार रेपो दरों को 6.50 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का आरबीआई का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है। इस कदम से रियल एस्टेट सेक्टर में पहले की तरह तेजी बनी रहेगी। आरबीआई के इस फैसले से संभावित खरीदारों का फ्लो भी बढ़ेगा क्योंकि निवेश करने से उनकी जेब पर ज्यादा भार नहीं पड़ेगा। निश्चित रूप से ब्याज दरें न बढ़ने से निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और रेजीडेंशियल प्रॉपर्टी की मांग में और तेजी आएगी।”
अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल का मानना है कि रेपो रेट को बनाए रखने के आरबीआई के फैसले से रेजिडेंशियल मार्किट पर पॉजिटिव इफ़ेक्ट पड़ेगा। हाउसिंग कॉस्ट की बढ़ती लागत के बावजूद, स्टेबल होम लोन संभावित बायर्स को कुछ राहत प्रदान करती हैं। नतीजतन, स्टेबल इंटरेस्ट रेट बायर्स और डेवलपर्स दोनों को लाभ पहुंचाती हैं, जिससे कंज्यूमर का विश्वास बढ़ता है और इस सेक्टर में इन्वेस्टमेंट बढ़ता है। आरबीआई के फैसले से नए प्रोजेक्ट्स के लॉन्च और रुचि के उभरते क्षेत्रों में डेवलपमेंट और एक्सपेंशन को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
रेपो दर को लगातार आठवीं बार 6.50% पर बनाए रखते हुए, आरबीआई ने खरीदारों के लिए सराहनीय पहल दिखाई है,” ट्रेवॉक के मैनेजिंग डायरेक्टर गुरपाल सिंह चावला कहते हैं। “यह निर्णय न केवल संभावित खरीदारों के लिए ब्याज दरों को स्थिर करता है, बल्कि सरकार पर जनता का विश्वास भी मजबूत करता है। यह एक सकारात्मक कदम है, और हमें आशा है कि रियल एस्टेट सेक्टर तेजी से बढ़ता रहेगा। इस उपाय से दोनों डेवलपर्स और खरीदारों को लाभ होगा।”
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