Waqf Board Bill: वक्फ बोर्ड मामला जेपीसी की दूसरी मीटिंग में क्या-क्या हुआ

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Waqf Board Bill: वक्फ बिल संशोधन के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति यानी कि जेपीसी की आज दूसरी बैठक हुई इस दौरान जमकर हंगामा हुआ जेपीसी के सदस्यों ने मसौदा विधेयक के कुछ प्रावधानों पर जोरदार तरीके से विरोध किया दूसरी और विपक्षी सदस्यों ने कुछ समय के लिए सदन से वाकआउट भी कर दिया । भाजपा सांसद जगदंबिका पाल के अध्यक्षता में कमेटी की बैठक तकरीबन 8 घंटे तक चली ।इस दौरान मुंबई के ऑल इंडिया सुननी जमीअत उलमा दिल्ली में मौजूद इंडियन मुस्लिम का सिविल राइट्स उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड और राजस्थान बोर्ड आफ मुस्लिम वक्फ के विचारों को सुना गया।

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सूत्रों की माने तो बैठक में ही धारकों ने चिंता जताते हुए कहा कि कलेक्टरों को वक्त संपत्तियों का सर्वे करने और निर्णय लेने के अंतिम प्राधिकारी होने समेत कई शक्तियां दी जा रही है इतना ही नहीं हिट धारकों ने प्रस्तावित संशोधन के इरादे पर भी कई सवाल खड़े किए विपक्षी दलों ने भी मुस्लिम संगठनों द्वारा उठाई गई चिताओं पर अपना समर्थन दिया।

इसके अलावा जानकारी के मुताबिक डीएम के जैसी पार्टियों ने वर्क बोर्ड में गैर मुसलमानों को शामिल करने पर आपत्ति जताई विपक्षी दलों ने जिलाधिकारी को दी गई शक्तियों पर भी सवाल खड़े किए विपक्षी सांसदों ने कहा कि जिला कलेक्टर विवादों पर कैसे निर्णय ले सकते हैं क्योंकि इससे हितों का टकराव जरूर होगा और इसी मसले को लेकर भाजपा सांसदों के साथ विपक्षी दलों का जमकर हंगामा भी हुआ।

दो अलग-अलग बयानों के दौरान वकील की मौजूदगी के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने वर्कआउट किया जिसमें मोहम्मद जावेद इमरान मसूद अरविंद सावंत संजय सिंह असदुद्दीन ओवैसी एम मोहम्मद अब्दुल्ला मोहिबुल्लाह और असदुद्दीन ओवैसी ए राजा शामिल थे।

विपक्षी से शब्द विपक्षी सदस्यों ने वक्फ अधिनियम में वर्क द्वारा उपयोगकर्ता प्रावधान हटाने पर भी चिंता जाहिर की। विपक्षी सदस्यों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वक्त द्वारा उपयोगकर्ता प्रावधान के तहत अधिसूचित 1 लाख से अधिक संपत्तियों का स्वामित्व स्थिर हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वक्त द्वारा उपभोग करता के एविडेंस रूल को कानूनी रूप से मान्यता देने से ऐतिहासिक स्थल जो लगातार वाक्य के रूप से उपयोग किए जाते रहे हैं वह संरक्षित होंगे इस तरह के संरक्षण के अभाव में ऐसे धार्मिक स्थल दुर्भावनापूर्ण मुकदमेबाजी के लिए अति संवेदनशील होंगे बैठक में बीजेपी सदस्य मेधा कुलकर्णी और असदुद्दीन ओवैसी के बीच काफी लोग झोपड़ी जेपीसी की अब अगली बैठक 5 और 6 सितंबर को होगी जबकि जेपीसी की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी।

आपको बता दें कि वक्त संशोधन विधेयक 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था बहस के बाद इसे संसद की संयुक्त समिति के पास भेज दिया गया जिसमें सरकार ने कहा था कि प्रस्तावित कानून का मस्जिदों के कामकाज में हस्तक्षेप का कोई इरादा नहीं है और विपक्ष से मुसलमान को निशाना बनाने और संविधान पर हमला बताया था

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