मसूरी, उत्तराखंड। अम्बे फिल्म के बैनर तले बनने वाली गढ़वाली वेब सीरीज ”वा नौनी” की शूटिंग मसूरी में शुरू हो गई है। एक सस्पेंस थ्रिलर सीरीज है,जिसकी शूटिंग पूर्व में हर्षिल, बागोरी, धराली, मुखबा आदि की खूबसूरत लोकेशन पर की गई। वह फिल्म की शुटिंग मसूरी कुलड़ी बाजार, कैमल बैक रोड, लंढौर बाजार आदि क्षेत्रों में चल रही है जिसमें फिल्म मे मुख्य भूमिका मे संजू सिलोड़ी,महक जोशी,राकेश गौड़,अभिषेक मेंदोला,गंभीर ज्याङा नजर आयेगे। फिल्म के निर्देशक अनुज जोशी द्वारा लिखित एवम निर्देशित ये वेबसरीज निश्चित तौर पर मनोरंजन उद्योग के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। इससे पूर्व अनुज जोशी ने अपनी फिल्मों के माध्यम से उत्तराखंड के विभिन्न विषयों को उठाया गया है। अनुज जोशी गढ़वाली वेब सीरीज ”वा नौनी” को ओटीटी प्लेटफार्म पर रलीज होगी।
वेब सीरीज के स्थानीय लाइन प्रोड्यूसर अनिल गोदियाल ने बताया कि सीरीज के सिनेमोटोग्राफर हरीश नेगी है,निर्माता हर्षपाल चौधरी, कार्यकारी निर्माता राकेश गौड़, ,टीम के अन्य सदस्यों मे राजेश रतूड़ी,विजय शर्मा,विभोर सकलानी,निखिल कांडपाल कमल,आदि है। उन्होने कहा कि उत्तराखंड की इंडस्ट्री में कई लोगों ने बहुत सालों से काम किया है बड़े प्लेटफार्म पर भी फिल्में आई हैं अच्छे स्तर पर भी फिल्में आई है लेकिन निर्माताओं को फिल्मों से आर्थिक रूप् से फायदा नहीं मिला है वेस्टर्न फिल्म इंडस्ट्री में ओटीटी प्लेटफार्म के ट्रेंड आने से टेक्नोलॉजी में बहुत अंतर आया । फिलमों की दुनिया बदल चुकी है और ओटीटी के माध्यम से लोगों तक पहुंचने का बहुत अच्छा तरीका है ।
उन्होंने कहा कि अनूप जोशी उत्तराखंड के ही नहीं बल्कि हिंदी सीरियल्स के भी निर्देशक हैं और उनके द्वारा वैब सीरीज का ट्रैंड गढवाली फिल्मों में उतारा जा रहा है। उनको पूरी उम्मीद है कि उत्तराखंड की संस्कृति कलाकारों, निर्देशकों, निर्माताओं के साथ फिल्मों को नया जीवन मिलेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना की कारण गढवाल किी फिल्म इंडस्ट्री पूरी तरह से जतबाह हो गई थी, और कलाकारों के भी भूखमरी के जैसी हालत हो गई थी। परन्तु नई तकनीकों का प्रयोग कर एक बार फिर गढवाली फिल्म इंडस्ट्री को जीवित करने का प्रयास अनुज जोशी द्वारा किया जा रहा है और उनको पूरी उम्मीद है कि उनको कामयबाी मिलेगी।
गढ़वाली फिल्म के निर्माता निर्देशक अनुज जोशी ने बताया कि गढ़वाली फिल्म जयादा सफल साबित नही हुई है उसका मुख्य कारण था कि वह लोगों की पहुंच से काफी दूर थी ऐसे में अब ओटीटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से गढ़वाली फिल्म को दिखाया जाएगा जिसका सीधा फायदा फिल्म के निर्माता को होगा वह गढ़वाली फिल्म इंडस्ट्री ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने से पुनर्जीवित होने की पूरी उम्मीद है।
रिपोर्ट- सुनील सोनकर