G20 summit: एजेंडे पर सहमति, दिल्ली में मौजूद आधी दुनिया, अचानक बन गया भारत ग्लोबल साउथ की आवाज

G20 summit new delhi

G20 summit: भारत G20 समिट का रविवार को आखिरी दिन है। शनिवार को समेट के पहले दिन भारत में 100 से अधिक मुद्दों पर आम सहमति हासिल करके राजनीतिक इतिहास रच दिया। इससे सबसे महत्वपूर्ण सहमति संवेदनशील रूस यूक्रेन युद्ध पर साझा बयान जारी करना था। जी-20 समिट की राजनीतिक सफलता में भारत अचानक g20 की इस राजनीतिक सफलता ने अचानक हिंदुस्तान को ग्लोबल साउथ की आवाज बना दिया।

G20 summit

राजनीतिक मामलों की जानकारी रखने वाले जानकार मानते हैं। भारत में इतिहास तो उसे सुबह ही बन गया जब पीएम मोदी ने अफ्रीकी संघ को g20 देश के ग्रुप में शामिल करने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव को सभी देशों की सहमति मिली अफ्रीकन यूनियन की-20 में 55 देश का प्रतिनिधित्व कर रहा है जो की एक पूरे महाद्वीप के लिए महत्वपूर्ण।

G20 summit: पीएम नरेन्द्र मोदी ने एक पोस्ट में कहा – नई दिल्ली घोषणा पत्र अपने के साथी इतिहास रचा गया। सब समिट और उत्साह के साथ एकजुट होकर हम एक बेहतर अधिक समृद्ध और सामंजस से पूर्ण भविष्य के लिए सहयोगात्मक रूप से कम करने का संकल्प लेते हैं जी-20 के सभी सदस्यों को उनके समर्थन और सहयोग के लिए मैं आभार जताता हूं।

इस घोषणा पत्र में भारत में समेट पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बीते ने कहा जब हम दुनिया भर के किसी भी कोने में लोगों के भविष्य में निवेश करते हैं तो हम दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाले लोगों के भविष्य में निवेश कर रहे होते हैं इससे सभी लोगों को फायदा होता है।

जी20 देश का घोषणा पत्र जारी करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा यह योग युद्ध का नहीं बल्कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी के साथ दुनिया नहीं चल सकती हमें अभी-अभी अच्छी खबर मिली है। हमारी टीम की कड़ी मेहनत और आपके सहयोग के कारण नई दिल्ली की-20 लीडर्स समेत डिक्लेरेशन पर आम सहमति बन गई है। मैं घोषणा करता हूं कि इस घोषणा पत्र को स्वीकार कर लिया जाए।

दुनिया में जलवायु परिवर्तन काफी तेजी के साथ हो रहा है इसलिए जी-20 के कुछ देशों ने अपने यहां के पेट्रोल में जय इंधन इस्तेमाल करने को लेकर गठबंधन बनाने में आम सहमति बनाई इस गठबंधन की घोषणा प्रधानमंत्री ने की-20 शिखर सम्मेलन से इतर की।

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इस मौके पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो, बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना और इटली के प्रधानमंत्री जी और जिया मिलेनियो सहित कई वैश्विक नेता मौजूद थे और इन्होंने जीवाश्म ईंधन अपने पर सहमति जताई।

भारत के अलावा इस गठबंधन की शुरुआत करने वाले सदस्य देशों में अर्जेंटीना बांग्लादेश ब्राजील इटली मॉरीशस दक्षिण अफ्रीका संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका शामिल है जबकि कनाडा और सिंगापुर पर्यवेक्षक देश।

g20 समिट के पहले दिन अहम बैठकों के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने लगभग 3:00 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एस जयशंकर ने कहा कि समिति ने भारत को दुनिया के लिए और दुनिया को भारत के लिए तैयार कर दिया है यह सभी दुनिया में भारत को हमें देने को अहमियत को बढ़ाने वाली रही।

एस जयशंकर ने कहा कि वैश्विक नेताओं ने इस बात को स्वीकार किया है कि जी-20 भू राजनीतिक सुरक्षा की मुद्दों को हल करने का मंच नहीं लेकिन उनका यह मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए इसके महत्वपूर्ण परिणाम हो सकते हैं।

इसके अलावा एस जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन में चल रही युद्ध और विशेष रूप से विकासशील और कम विकासशील देशों पर इसके प्रभाव पर चर्चा की गई जो अभी महामारी और आर्थिक रूप से उबर की प्रक्रिया में है उन्होंने अपरीके संघ का भारत के अध्यक्षता में समूह का सदस्य बना भारत की विदेश नीति की उसे प्राथमिकता को पूरा करता है जिसमें वह ग्लोबल साउथ की परेशानियों और चिताओं को दुनिया को बताना चाहता है।

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