Women Reservation: लोकसभा में भारी बहुमत से पास होने के बाद गुरुवार को नारी शक्ति वंदन अधिनियम राज्यसभा के पटल पर रखा गया। इस बिल को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन के पटल पर रखा।
Women Reservation
सबसे पहले कांग्रेस की संसद रंजीत रंजन (Ranjeet Ranjan) ने बोलना शुरू किया उन्होंने कहा कि मुझे इस बिल के नाम को लेकर आपत्ति है। बिल में वंदन शब्द को लेकर आपत्ति जताई।कांग्रेस सांसद ने कहा इतिहास गवाह है कि जब-जब आपको सत्ता की जरूरत होती है आप नारी की वंदना करने लगते हैं। लेकिन जीत के बाद पुरुष की जीत की वंदना होती है।
संसद भवन का उद्घाटन हुआ तो आपने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया। हम अपने सम्मान अधिकार से वंचित है। मुझे इस बिल में कोई साजिश नजर आती है। 13 साल पहले राज्यसभा ने इसे पारित किया था। आज आप इसे लेकर आए हैं । साढे 9 साल के बाद आया ये बिल। 2014 में आप सत्ता में आए, आपके मेनिफेस्टो में था लेकिन साढे 9 साल कैसे लग गए।
रंजीत रंजन ने दूसरा सवाल – कब तक इंतजार करना होगा ।
तीसरा सवाल जातीय है जनगणना और परिसीमन का पेंच क्यों लगाया । इससे पहले आप नोटबंदी ले आए। काल किसान कानून लेकर आये लेकिन किसी ने भी पूछा नहीं कही ये चुनावी एजेंडा तो नही है। आपका काम सिर्फ झुनझुना दिखाना है। यही नहीं राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि आप महिला बिल का महिमा मंडन कर रहे हैं। लेकिन मैं उदाहरण देना चाहती हूं कि यूपीए 2 में यह बिल पास हुआ हमारा मकसद देश को लाइमलाइट में लाना था।
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राजीव गांधी ने कहा था कि महिलाओं के मामलों में हिंदुस्तानी पुरुष दोहरा चरित्र वाला है। रंजीत रंजन ने कहा कि जो भी पेंच है उसे दूर कर महिलाओं को उनका हक क्यों नहीं देना चाहते ? आप पुरुषों से महिलाओं को हिस्सा क्यों नहीं देना चाहते? आपने नारी शक्ति का वंदन विधेयक नाम दिया है इसे सामान्य कहें । मैं चाहती हूं कि इस बिल को पास किया जाए साथ ही एससी और एसटी महिलाओं को आरक्षण का लाभ भी मिले।