यूपी में विपक्षी एकता को झटका देने की तैयारी में बीजेपी जयंत चौधरी पर टिकी निगाहें

महाराष्ट्र एनसीपी में चल रहे सियासी घमासान के बाद सबसे ज्यादा बिहार और उत्तर प्रदेश को लेकर चर्चा है बीजेपी समर्थित दलों का दावा है कि जो एनसीपी के साथ वह उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ भी हो सकता है।

यही नहीं महाराष्ट्र की तर्ज पर बीजेपी यूपी में विपक्षी दलों की एकता को भी झटका देने की कोशिश में जुटी है। एक तरफ जहां चुनाव से पहले ओमप्रकाश राजभर के एक बार फिर से बीजेपी के साथ आने की अटकलें हैं तो वहीं रालोद को भी साथ लाने की कवायद जोरों पर है।

दक्षिण भारतीय जनता पार्टी यूपी सभी 80 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है। पूर्वांचल में पहले से ही बीजेपी के साथ अनुप्रिया पटेल अपना दल और संजय निषाद की निषाद पार्टी का गठबंधन है ।

वही चर्चा है कि 2024 से पहले ओमप्रकाश राजभर फिर से भाजपा के साथ आ सकते हैं। वह दिल्ली में दो बार गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी कर चुके हैं। अगर ऐसा हुआ तो पूर्वांचल में बीजेपी काफी मजबूत स्थिति में आ जाएगी ।

ऐसे में बीजेपी के मिशन 80 के सपने को रालोद की वजह से पश्चिमी यूपी में झटका लग सकता है।

दरअसल निकाय चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल में गठबंधन में खींचतान की खबरें सामने आई थी ऐसे में बीजेपी इस मौके को हाथ से जाने नहीं देना चाहती है ।

पश्चिमी यूपी में बीजेपी का किसी के साथ गठबंधन नहीं है वह अकेले विपक्ष का मुकाबला कर रही है । मुरादाबाद में बीजेपी की स्थिति कमजोर है 2019 में भी इस इलाके में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था और यही वजह है कि बीजेपी ने ऑपरेशन लालू रालोद भी शुरू कर दिया है हालांकि इसको लेकर अभी ज्यादा हलचल नहीं है।

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