उच्चस्तरीय टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया दिशा-निर्देश

आज 03 जनवरी से 15 से 18 आयु वर्ग के किशोर बच्चों का कोविड टीकाकरण प्रारम्भ हुआ है। मैंने स्वयं भी टीकाकरण केंद्र पर भ्रमण कर बच्चों से भेंट की। बच्चों में खूब उत्साह था। पहले ही दिन करीब प्रदेश में 1.50 लाख से अधिक बच्चों ने टीका कवर प्राप्त किया। यह बच्चे और उनके अभिभावक बधाई के पात्र हैं। बच्चों को वैक्सीनेशन की तिथि व अगले दिन विद्यालय में अवकाश दिया जाए।

कोविड वैरिएंट की सटीक पहचान के लिए प्रदेश में कई संस्थनों में जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जा रही है। किंतु बदलती परिस्थितियों के दृष्टिगत यह जरूरी है कि जीनोम सिक्वेंसिंग के साधनों में बढ़ोतरी की जाए। गोरखपुर, झांसी, गाजियाबाद के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों और एसजीपीजीआई लखनऊ में भी इसकी सुविधा तत्काल उपलब्ध कराई जाए। इसमें कतई विलम्ब न हो। इसे शीर्ष प्राथमिकता दी जाए।

प्रदेश में कोरोना के नए मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। बीते 24 घंटों में हुई 01 लाख 47 हजार 851 सैम्पल की जांच में कुल 572 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 34 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। आज प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 2261 है। अतः कोरोना प्रोटोकॉल का हर हाल में अनुपालन जरूरी है। लोगों को बचाव के संबंध में लगातार जागरूक किया जाए। उन्हें मास्क पहनने, टीकाकरण कराने और सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करने, टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित किया जाए। बचाव का यह सर्वोत्तम प्राथमिक उपाय है।

20 करोड़ 36 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण और 09 करोड़ 34 लाख से अधिक टेस्टिंग करके उत्तर प्रदेश टेस्टिंग और टीकाकरण देश में प्रथम स्थान पर है। यहां 07 करोड़ 46 लाख से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड का सुरक्षा कवर प्रदान कर दिया गया है। 12 करोड़ 90 लाख लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। इस प्रकार टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी में लगभग 88 फीसदी को पहली और 50 फीसदी से अधिक लोगों को दोनों डोज मिल चुकी है। वैक्सीनेशन को और तेज करने की जरूरत है। इस संबंध में सभी जरूरी प्रयास किये जाएं।

कोविड केस की बढ़ोतरी को देखते हुए राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क है। सभी जिलों की स्थिति पर दृष्टि रखी जा रही है। ओमिक्रोन वेरिएंट की संक्रामकता के संबंध में विशेषज्ञों का मानना है कि यह वैरिएंट तीव्र संक्रामक है, किंतु पूर्व के वैरिएंट की तुलना में वैक्सीनेटेड लोगों के लिए बड़ा खतरा नहीं है। लोगों में अनावश्यक पैनिक न हों, उन्हें सही, सटीक और समुचित जानकारी दी जाए। जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर की जाए। घर-घर मेडिकल किट वितरण के लिए पैकेट तैयार कर लिए जाएं।

कोविड पर प्रभावी नियंत्रण और आवश्यक रणनीति के लिए राज्य स्तर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का एक सलाहकार पैनल पूर्व में ही गठित है। कोविड की बदलती परिस्थितियों के बीच इस समिति से परामर्श प्राप्त किया जाए। मंगलवार को समिति के सदस्यों के साथ समीक्षा की जाएगी।

प्रदेश के सभी शासकीय, अर्धशासकीय, निजी, ट्रस्ट आदि संस्थाओं, कंपनियों, शैक्षणिक संस्थानों, कार्यालयों, औद्योगिक इकाइयों में तत्काल प्रभाव से कोविड हेल्प डेस्क क्रियाशील करा दिया जाए। जरूरत के अनुसार डे केयर सेंटर भी स्थापित हों। बिना स्क्रीनिंग/सैनिटाइजेशन के किसी को परिसर में प्रवेश न दें।

आगामी विधानसभा चुनावों में पुलिस बल की महती भूमिका को देखते हुए कोविड से बचाव के लिए सभी इंतज़ाम किये जाएं। प्रधानमंत्री जी ने 10 जनवरी से सभी कोरोना वॉरियर्स, हेल्थकेयर व फ्रंटलाइन वर्कर्स तथा 60 वर्ष से ऊपर की आयु के को-मॉर्बीडिटी वाले नागरिकों को प्री-कॉशन डोज दी जाएगी। पुलिस बल के हर सदस्य को प्री-कॉशन डोज दी जाए।

कोरोना के खिलाफ अब तक की लड़ाई में निगरानी समितियों ने प्रभावी भूमिका रही है। इन्हें एक्टिव करते हुए डोर-टू-डोर टीकाकरण की स्थिति का सर्वे किया जाए और बचे हुए लोगों का टीकाकरण कराया जाए। बाहर से गांव-शहरी वार्ड में आने वालों की ट्रेसिंग-टेस्टिंग कराई जाए। आवश्यकतानुसार होम क्वारन्टीन अथवा अस्पताल में उपचार की सुविधा दिलाई जाए।

प्रदेश के सभी जनपदों में स्थापित किए गए इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को 24×7 एक्टिव रखा जाए। पूर्व की भांति वहां नियमित बैठकें आयोजित की जाएं। आईसीसीसी हेल्पनंबर सार्वजनिक कर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। लोग किसी जरूरत पर तत्काल वहां संपर्क कर सकते हैं। एम्बुलेंस 24×7 एक्टिव मोड में रहें। सीएम हेल्पलाइन से लोगों से संवाद किया जाए। कोरोना के खिलाफ अब तक की लड़ाई में उत्तर प्रदेश के प्रयास को वैश्विक सराहना मिली है, आगे भी हम सभी के सहयोग से जीत हासिल करेंगे।